कोरोना संक्रमण से देश में हालात कितने ख़राब हैं? यदि कोरोना संक्रमण के आँकड़ों को दरकिनार भी कर दें तो सरकार के माथे पर चिंता की जो लकीरें दिख रही हैं उससे भी इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है। राज्यों में विशेषज्ञों की टीमें भेजे जाने का फ़ैसला क्या स्थिति की गंभीरता नहीं दिखाता है?
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अब केंद्र की टीमें महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में भेजी जाएँगी। इन टीमों में स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को कोरोना की स्थिति पर बैठक के बाद यह फ़ैसला लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में तेज़ी से फैलते कोरोना संक्रमण के अलावा देश में जारी कोरोना टीकाकरण अभियान की भी समीक्षा की गई। बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य सचिव, डॉ. विनोद पॉल सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
जिन तीनों राज्यों में टीमों को भेजने की बात कही गई है उन्हीं में हर रोज़ सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले आ रहे हैं। महाराष्ट्र में रविवार को पहली बार 57 हज़ार से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और राज्य के मुंबई शहर में भी पहली बार ही 11 हज़ार से ज़्यादा और पुणे में 12 हज़ार से ज़्यादा मामले रिकॉर्ड किए गए हैं।
महाराष्ट्र के बाद पंजाब और छत्तीसगढ़ में ही सबसे ज़्यादा मामले आ रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पिछले 14 दिनों में देश में संक्रमण के मामलों में 4.5 प्रतिशत पंजाब से आए हैं और 16.3 प्रतिशत मौतें हुई हैं। पीएमओ ने इसे 'गंभीर चिंता' का मामला बताया है। छत्तीसगढ़ ने पिछले 14 दिनों में देश में कुल मामलों में 4.3% का योगदान दिया है।
कुल संक्रमण के मामलों में से 91.4 फ़ीसदी मामले दस राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से आए हैं। देश में कुल मौतों में 90.9 फ़ीसदी मौतें इन 10 राज्यों से ही हुई हैं।
बयान में कोरोना से बचाव के नियमों के पालन करने पर जोर दिया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि मास्क के इस्तेमाल, ख़ुद की साफ़-सफाई और सार्वजनिक जगहों व कार्य स्थलों पर स्वच्छता पर जोर देने के लिए 6 से 14 अप्रैल तक अभियान चलाया जाएगा।
अस्पतालों में बेड, ऑक्सिजन, जाँच की सुविधा और समय से अस्पताल में भर्ती कराने पर बल दिया गया है।
बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर है और रविवार को देश में एक दिन में पहली बार कोरोना संक्रमण के मामले 1 लाख से ज़्यादा आए हैं। जब कोरोना की पहली लहर थी तब भी सबसे ज़्यादा मामले पिछले साल 16 सितंबर को 97 हज़ार 894 ही आए थे।