दूसरा वीडियो : जामिया लाइब्रेरी में पुलिस ने की तोड़फोड़, सीसीटीवी कैमरा तोड़ा
जामिया मिल्लिया इसलामिया में 15 दिसंबर को हुई पुलिस कार्रवाइयों से जुड़ी सनसनीखेज जानकारियाँ एक एक बाद एक आ रही हैं। यह पुलिस के दावों की पोल खोलती हैं और साबित करती हैं कि पुलिस ने छात्रों पर ज़्यादतियाँ की थीं।
जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने एक और वीडियो जारी किया है, जिससे पुलिस कार्रवाई के बारे में पता चलता है। इस वीडियो से यह साफ़ होता है कि पुलिस के लोगों ने ही रीडिंग रूम में घुस कर कुर्सियाँ फेंकी थीं, मेज उलट दिया था और उसके बाद छात्रों पर लाठियाँ भांजी थीं।
Another CCTV Footage of Reading hall.
— Jamia Coordination Committee (@Jamia_JCC) February 17, 2020
Via - @MaktoobMedia#ShameonDelhiPolice #JamiaCCTV #JamiaViolence pic.twitter.com/2Gc54P7qOt
ऊपर के इस वीडियो को देखें। इसमें एक दरवाजा खुलता है। पुलिस का एक आदमी अंदर घुसता है, कुर्सी उठा कर फेंकता है। दूसरे जवान भी दाखिल होते हैं। वे रीडिंग टेबल को धक्का देकर दूर करते हैं, उसे धक्का देकर उलट देते हैं।
इस वीडियो में यह भी दिखता है कि पहले छात्राएं और फिर छात्र रीडिंग रूम से बाहर निकलते हैं, वे दरवाजे तक आते हैं। पर बाहर निकलने के क्रम में भी पुलिस वाले उन पर लाठियाँ चलाते हैं, हालांकि वह हल्का लाठीचार्ज ही है।
इस वीडियो में यह भी दिखता है कि दरवाजे पर अच्छी ख़ासी भीड़ लग जाती है, छात्र जल्दी से जल्द बाहर निकलने की कोशश में हैं। वे कोई हिंसा नहीं कर रहे हैं, वे किसी तरह का तोड़फोड़ नहीं कर रहे हैं, वे किसी पुलिस वाले पर हमला नहीं करते हैं।
Police destroying CCTV Camera after attacking students in Jamia
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) February 17, 2020
If they feel they didn't do anything wrong, why did they destroy the CCTV pic.twitter.com/K3QortAvOz
इस वीडियो में दिखता है कि पुलिस वाले सीसीटीवी कैमरे पर लाठी चलाते हैं और कैमरे को नष्ट करने की कोशिश करते हैं। ज़ाहिर है, वे नहीं चाहते थे कि उनकी कार्रवाई सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हों।
इस वीडियो से यह साफ़ हो जाता है कि पुलिस वालों ने लाइब्रेरी के रीडिंग रूम में घुस कर छात्रों को पीटा था। वे छात्र उस समय वहाँ यानी रीडिंग रूम में कोई तोड़फोड़ या विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। इससे यह भी साफ़ हो जाता है कि पुलिस ने ज़्यादती की थी।
क्या कहना है पुलिस का
पुलिस ने कहा है कि वह वीडियो की जाँच कर रही है, लेकिन उसे ऐसा लगता है कि इसे एडिट किया गया है। विशेष उपायुक्त (क्राइम) प्रवीर रंजन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'जो वीडियो सामने आए हैं, हमने उनका संज्ञान लिया है। हमने जामिया से कई बार कहा कि वह वीडियो हमें सौंप दे, लेकिन हमें कुछ दिन पहले ही वे वीडियो दिए गए हैं। हम फ़ुटेज की जाँच करेंगे, क्या हुआ यह पता लगाएंगे और यह भी देखेंगे कि क्या इसके साथ छेड़छाड़ की गई है।'याद दिला दें कि नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिल्लिया इसलामिया में प्रदर्शन हुआ, जिसमें हिंसा भी हुई। पुलिस और छात्रों के बीच ज़बरदस्त झड़प हुई। स्थिति अनियंत्रित होती देख पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले भी दागे।
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि छात्रों द्वारा कथित तौर पर पथराव करने बाद पुलिस ने बल का प्रयोग किया। क़रीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर झड़प की तसवीरें वायरल होने लगीं। कई लोगों ने इसके वीडियो शेयर किए। इसके बाद पुलिस ने शाम को रीडिंग रूम में घुस कर छात्रों को बुरी तरह पीटा।