सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने तीन घंटों के बदले डेढ़ घंटे में 12वीं की परीक्षा ख़त्म करने का फैसला किया है।
इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि सभी 174 विषयों की परीक्षा न लेकर सिर्फ 20 प्रमुख विषयों की परीक्षा ली जाए। माइनर सब्जेक्ट में कक्षा में बच्चे के प्रदर्शन के आधार पर ही नंबर दे दिए जाएंगे।
इसके अलावा राज्यों के बोर्डों से कहा गया है कि वे अपने फ़ैसला खुद लें।
सरकार के मंत्रियों और आला अफ़सरों की बैठक के बाद रविवार को यह निर्णय लिया गया। इस पर अंतिम फैसला जून में लिया जाएगा।
दो विकल्प
सीबीएसई ने 12वीं की परीक्षा के लिए दो विकल्प रखे हैं। जिसके साथ सरकार ने कहा कि राज्य बोर्डों को अपना निर्णय लेने की अनुमति है।
सीबीएसई ने कहा है कि 20 प्रमुख विषयों की परीक्षा 90 मिनट में हों। ये प्रमुख विषय भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, इतिहास, राजनीति विज्ञान, व्यवसाय अध्ययन, लेखा, भूगोल, अर्थशास्त्र और अंग्रेजी विषय हैं।
किसी बच्चे को चार विषयों की परीक्षा ही इस तरह से देनी होगी। पाँचवें और छठे विषयों के अंक कक्षा में प्रदर्शन के आधार पर ही नंबर दे दिए जाएंगे।
दूसरा विकल्प यह है कि कक्षा 12वीं के छात्र महत्वपूर्ण विषय की परीक्षा में अपने स्कूलों में दे सकते हैं। वहीं, उसी स्कूल में उत्तर पुस्तिकाओं की जाँच भी कर ली जाएगी।
प्रश्न पत्र में ऑब्जेक्टिव और शॉर्ट टर्म सवाल ही पूछे होंगे। वैकल्पिक विषयों में प्रदर्शन के आधार पर पांचवें और छठे विषयों के अंक तय किए जाएंगे।
मानव संसधन मंत्री रमेश चंद्र पोखरियाल 1 जून को यह बताएंगे कि परीक्षा का आयोजन किस फॉर्मेट में कब और कैसे होगा। वहीं 1 जून को 12वीं परीक्षा की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।