यूजीसी नेट पेपर लीक मामले की जांच करने बिहार गई केंद्रीय जाँच ब्यूरो यानी सीबीआई की टीम पर नवादा में ग्रामीणों ने हमला कर दिया। सीबीआई टीम अति गोपनीयता से रेड करने गई थी और स्थानीय पुलिस को भी इसकी जानकारी नहीं थी। पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों को लगा कि यह जाँच टीम फर्जी है और इसी वजह से उन्होंने हमला किया।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए ने मंगलवार को हुई परीक्षा के एक दिन बाद ही यानी बुधवार को यूजीसी-नेट यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा को रद्द कर दिया था। इसने यह कहते हुए ऐसा फ़ैसला किया कि 'परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया हो सकता है'। शिक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पेपर लीक मामले में बढ़ते दबाव के बीच परीक्षा रद्द करने के फ़ैसले के एक दिन बाद ही यानी गुरुवार को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहली बार माना कि जांच से पता चला है कि प्रश्न पत्र ‘डार्कनेट’ में लीक हो गया था। उन्होंने कहा था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर प्रसारित प्रश्न पत्र मूल प्रश्न पत्र से मेल खाता था। उसी दिन देर शाम को यूजीसी-नेट मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया था।
इसी मामले में सीबीआई की टीम बिहार के नवादा में छापा मारने गई थी। स्थानीय पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों को लगा कि टीम फर्जी है। करीब 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से सिर्फ आठ लोगों के नाम बताए गए हैं। पुलिस ने बताया कि हमले का वीडियो मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया गया है और वीडियो के आधार पर इसमें शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
स्थानीय पुलिस ने बताया कि टीम कसियाडीह गांव में थी, तभी उन पर हमला किया गया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अम्बरीश राहुल ने कहा, 'कल (शनिवार को) सीबीआई की टीम नवादा में थी। वे यूजीसी-नेट मामले की जांच कर रहे थे। फिर वे राजौली इलाके में गए। यह छापेमारी गुप्त रखी गई थी और राजौली पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। जब उन्होंने छापेमारी शुरू की तो उस इलाके के लोगों ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी। फिर राजौली पुलिस को सूचित किया गया, हमने एक टीम भेजी और सीबीआई की टीम को थाने लाया गया। सीबीआई की टीम ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। किसी को बड़ी चोटें नहीं आई हैं, लेकिन कुछ लोगों को मामूली चोटें आई हैं क्योंकि लोगों ने उनकी कार को घेर लिया था। हमने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।'
स्थानीय पुलिस के पहुंचने के बाद अधिकारियों को बचा लिया गया। टीम में चार अधिकारी और एक महिला कांस्टेबल शामिल थी, जो उस व्यक्ति की तलाश में गए थे, जिसका सेलफोन वे ट्रैक कर रहे थे। लेकिन ग्रामीणों ने उनकी पिटाई कर दी और वाहनों में भी तोड़फोड़ की।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार भी यह घटना शनिवार शाम को हुई जब सीबीआई की एक टीम इलाके के कसियाडीह गांव में गई थी। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने एजेंसी के वाहनों को घेर लिया और अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की की। राजौली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि हमले में कथित तौर पर शामिल चार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी यूजीसी-नेट परीक्षा 18 जून को आयोजित की गई थी। इसके लिए 317 शहरों में 9 लाख से अधिक उम्मीदवार उपस्थित हुए थे। अगले दिन केंद्र ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के बाद इसे रद्द करने की घोषणा की।
यूजीसी-नेट परीक्षा भारतीय संस्थानों में सहायक प्रोफेसर के साथ-साथ जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर के लिए पात्रता निर्धारित करती है।
रिटेस्ट: नीट-यूजी के 50% अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ी
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए ने रविवार को चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के छह केंद्रों पर 1,563 उम्मीदवारों के लिए नीट-यूजी परीक्षा का दोबारा परीक्षण किया। परीक्षण पैनल के अनुसार, 1,563 उम्मीदवारों में से 813 रविवार को दोबारा परीक्षा में शामिल हुए, जबकि 750 उम्मीदवारों ने परीक्षा छोड़ दी।
मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गुजरात और चंडीगढ़ के छह केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण मुआवजे के तौर पर अनुग्रह अंक एनटीए द्वारा वापस लेने के बाद यह परीक्षा आयोजित की गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनटीए ने इन अभ्यर्थियों को दिए गए अनुग्रह अंक वापस ले लिए थे। दो छात्रों को चंडीगढ़ में नीट-यूजी की पुनः परीक्षा देनी थी, लेकिन उनमें से कोई भी परीक्षा केंद्र पर नहीं पहुंचा।