जम्मू-कश्मीर: शस्त्र लाइसेंस घोटाले में 40 जगह सीबीआई के छापे
सीबीआई ने जम्मू कश्मीर में शस्त्र लाइसेंस घाटाले में 40 जगहों पर छापे मारे हैं। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के कई ज़िलों में कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से क़रीब दो लाख शस्त्र लाइसेंस जारी करने से जुड़ी है। जिनके ठिकानों पर छापे मारे गए उनमें से एक श्रीनगर के पूर्व उपायुक्त शाहिद चौधरी हैं। शाहिद चौधरी ने ख़ुद इस मामले की पुष्टि की कि शनिवार को उनके सरकारी आवास की तलाशी ली गई।
फ़िलहाल जम्मू और कश्मीर प्रशासन में जनजातीय मामलों के विभाग के प्रशासनिक सचिव के रूप में कार्यरत शाहिद चौधरी ने ट्वीट किया, 'मीडिया रिपोर्ट्स के संदर्भ में मुझे यह पुष्टि करनी है कि सीबीआई ने मेरे आवास की तलाशी ली और शस्त्र लाइसेंस की चल रही जाँच में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया। मीडिया मित्र ध्यान दें कि जाँच में सभी ज़िलों में 4 साल शामिल हैं। मैं अपने कार्यकाल के लिए पूरी तरह से सीबीआई को जवाब दूँगा। मेरे कार्यकाल के आँकड़े नीचे हैं...'
With ref to media reports I’ve to confirm that CBI did search my residence & found nothing incriminating in ongoing arms license probe. Media friends may note the probe covers 4 years across all distts. I am fully answerable to CBI for my tenure. Stats from my tenure are below 👇 pic.twitter.com/qhl60AFrGI
— Shahid Choudhary (@listenshahid) July 24, 2021
शाहिद चौधरी ने दावा किया है कि 3 ज़िलों में कार्यकाल: 2012-16 के बीच जम्मू और कश्मीर में जारी किए गए 4.49 लाख हथियार लाइसेंसों में से केवल 56,000 (12.4 प्रतिशत) रियासी, कठुआ और उधमपुर के 3 ज़िलों में जारी किए गए जहाँ मैंने डीएम के रूप में कार्य किया।' चौधरी ने कहा कि आँकड़ों में गड़बड़ी नहीं है।
उन्होंने दावा किया, 'सबसे कम संख्या: 2012-16 के बीच 3 ज़िलों-रियासी, कठुआ और उधमपुर में जारी किए गए 56000 लाइसेंसों में से मेरे कार्यकाल में केवल 1720 जारी किए गए थे।' उन्होंने कहा कि यह 4 वर्षों में या इस अवधि के दौरान तीन ज़िलों में जारी किए गए सभी लाइसेंसों का 3 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में 3 ज़िलों में जारी किए गए लाइसेंस किसी भी ज़िले के किसी भी डीएम द्वारा जारी किए गए लाइसेंसों में सबसे कम हैं।
बता दें कि सीबीआई ने शनिवार को चल रही जांच में आईएएस अधिकारियों सहित तत्कालीन लोक सेवकों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला, दिल्ली सहित लगभग 40 स्थानों पर छापे मारे। इसके अलावा सीबीआई ने क़रीब 20 बंदूक़ घरों पर भी छापेमारी की। 'एनडीटीवी' की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ एजेंसी ने कहा कि 2.78 लाख से अधिक अवैध बंदूक़ लाइसेंस पैसे के लिए ज़िलाधिकारियों द्वारा जारी किए गए हैं।
इससे पहले 2019 में सीबीआई ने 13 जगहों पर छापेमारी की थी। मामले में आरोप था कि 2012 से 2016 तक कुपवाड़ा ज़िले सहित जम्मू-कश्मीर के विभिन्न ज़िलों के ज़िला कलेक्टरों ने धोखाधड़ी और अवैध रूप से धन प्राप्त करने के लिए थोक में हथियार लाइसेंस जारी किए थे।
बता दें कि राजस्थान पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस ने 2017 में पहली बार हथियार लाइसेंस रैकेट का खुलासा किया था, जब उन्हें जम्मू-कश्मीर में नौकरशाहों द्वारा जारी लाइसेंसी हथियारों के साथ अपराधियों का पता चला था। एटीएस ने यह भी पाया था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेना के जवानों के नाम पर 3,000 से अधिक लाइसेंस दिए गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान जम्मू-कश्मीर में तत्कालीन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी-बीजेपी सरकार पर सतर्कता जाँच की आड़ में आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था। 2018 में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद तत्कालीन राज्यपाल एनएन वोहरा ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था।