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चिदंबरम के बाद कांग्रेस में अगला नंबर किसका?

चिदंबरम के बाद कांग्रेस में अगला नंबर किसका?

चिदंबरम की गिरफ़्तारी के बाद सियासी गलियारों में इस बात का शोर है कि इसके बाद जाँच एजेंसियों के निशाने पर कांग्रेस का कौन सा नेता है।

सीबीआई के द्वारा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ़्तारी के बाद सियासी गलियारों में इस बात का शोर है कि इसके बाद जाँच एजेंसियों के निशाने पर कांग्रेस का कौन सा नेता है। चिदंबरम को जिस तरह सीबीआई ने उनके घर की दीवार फांदकर गिरफ़्तार किया, उससे कांग्रेस के कई अन्य दिग्गज नेताओं की जान भी आफत में है। सीबीआई के अलावा कुछ नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तलवार भी लटक रही है। इन सभी नेताओं को डर है कि उन पर भी इन जाँच एजेंसियों का शिकंजा कस सकता है। आइए, जानते हैं कि ऐसे कौन से नेता हैं जो या तो जमानत पर बाहर हैं या जो सीबीआई और ईडी की जाँच के दायरे में हैं और जेल जा सकते हैं।

इस सूची में सबसे पहला नंबर है कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी का। सोनिया और राहुल दोनों ही नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर हैं। इसके बाद नंबर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा का है। रॉबर्ट वाड्रा मनी लॉंड्रिंग और ज़मीन घोटाले के मामले में जमानत पर हैं। वाड्रा के ख़िलाफ़ सीबीआई और ईडी जाँच कर रही हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कांग्रेस पर यह कहकर हमला किया था कि भ्रष्टाचार ही कांग्रेस की संस्कृति है। मोदी ने राहुल और सोनिया पर हमला बोलते हुए कहा था कि ये माँ-बेटे जमानत पर बाहर हैं और इनके कई नेता अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं।

इसके बाद नंबर कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का आता है। सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ ज़मीन घोटाला मामले में केस दर्ज किए हैं और जाँच कर रही है। इसके अलावा गुरुग्राम में जमीन सौदे के मामले में हुड्डा के ख़िलाफ़ जाँच चल रही है। ईडी भी उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। हुड्डा जमानत पर हैं और इन दिनों उन्होंने कांग्रेस के ख़िलाफ़ बग़ावती तेवर अपनाए हुए हैं। 

इसके बाद बारी आती है कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की। 2015 में वीरभद्र सिंह के ख़िलाफ़ ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज किया था। सिंह पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सीबीआई जाँच की जद में हैं। रावत द्वारा विधायकों के कथित ख़रीद-फरोख़्त से संबंधित स्टिंग सीडी मामले में सीबीआई ने हाई कोर्ट में जाँच रिपोर्ट दाख़िल कर दी है। जाँच एजेंसी ने आगे की जाँच के लिए अदालत से अनुमति माँगी है।

कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार के ख़िलाफ़ भी सीबीआई का शिकंजा है। डीके शिवकुमार के ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति दर्ज करने का मामला चल रहा है। 2017 में आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

इसके बाद बात करते हैं सोनिया गाँधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की। पटेल का नाम अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर ख़रीद घोटाले मामले में चर्चा में हैं और सीबीआई पटेल के कमीशन लेने के आरोपों की जाँच कर रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी बैंक से धोखाधड़ी के मामले में जाँच में फँसे हैं। सीबीआई ने 354 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले में पुरी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है। रतुल को हाल ही में ईडी ने गिरफ़्तार कर लिया था, इससे पहले रतुल पुरी को पकड़ने की कई कोशिशें की गई थीं, लेकिन वह हर बार चकमा देने में कामयाब रहे थे। उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ख़िलाफ़ एंबुलेंस ख़रीद घोटाले की जाँच चल रही है। यह मामला एनआरएचएम के तहत एंबुलेंस खरीदने में हुई धांधली का है।

चिदंबरम की गिरफ़्तारी के बाद इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी का संसद में दिया गया एक बयान काफ़ी वायरल हो रहा है। संसद के बीते बजट सत्र के दौरान जब कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा था कि अगर सोनिया और राहुल गाँधी पर भ्रष्टाचार के मामले हैं तो आप उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं करते, तब पीएम मोदी ने हंसते हुए कहा था कि आप जमानत पर हैं तो एन्जॉय करिए। लेकिन अब लोगों का कहना है कि लगता है कि मोदी ने अधीर रंजन चौधरी की चुनौती को स्वीकार कर लिया है।

बता दें कि सीबीआई, ईडी और अन्य जाँच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगता रहा है और विपक्षी दल सत्तारुढ़ दल की सरकारों पर उनकी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाते हैं। सुप्रीम कोर्ट भी सीबीआई को पिंजड़े में बंद तोता बता चुकी है। 

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार व्यक्तिगत बदला लेने और राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है और उसकी पार्टी के नेताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। लेकिन मोदी सरकार का स्पष्ट कहना है कि कांग्रेस नेताओं के ख़िलाफ़ जाँच एजेंसियों की कार्रवाई से उसका कोई लेना-देना नहीं है और एजेंसियाँ इस मामले में अपना काम कर रही हैं। 

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