बुल्ली बाई ऐप मामले में कथित मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस आमने-सामने आ गई हैं। मुंबई पुलिस की टीम गुरुवार को इस केस से जुड़े हुए आरोपी को पकड़ने के लिए आसाम पहुंचने ही वाली थी कि इससे पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मुंबई पुलिस की साइबर सेल के एक अधिकारी का कहना है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के साथ आरोपी के बारे में जानकारी साझा की थी जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने नीरज विश्नोई नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से सवाल यह उठ रहे हैं कि मुंबई पुलिस की सतर्कता के बाद दिल्ली पुलिस अचानक कैसे जाग गई।
बुल्ली बाई ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाने के मामले में मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी है और उसने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। लेकिन गुरुवार को अचानक दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस का आमना सामना आसाम के गुवाहाटी में हो गया जब मुंबई पुलिस इस केस से जुड़े हुए कथित तौर पर मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए आसाम पहुंची थी।
बुधवार को महाराष्ट्र साइबर सेल के एक अधिकारी ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक सीनियर अधिकारी से बुल्ली बाई ऐप के बारे में जानकारी साझा करने के लिए गुजारिश की थी। महाराष्ट्र साइबर सेल के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने बुल्ली बाई ऐप को कथित तौर पर बनाने वाले आरोपी नीरज विश्नोई की जानकारी दिल्ली पुलिस से साझा की। जैसे ही दिल्ली पुलिस को नीरज के बारे में जानकारी हाथ लगी तो स्पेशल सेल की एक टीम असम के गुवाहाटी पहुंच गई और गुरुवार सुबह नीरज विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि नीरज विश्नोई बुल्ली बाई ऐप बनाने का मास्टरमाइंड है और उसने कुछ टि्वटर अकाउंट भी बनाए थे, जिसको श्वेता सिंह और दूसरे आरोपियों से ऑपरेट करवाया जा रहा था। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि नीरज विश्नोई भोपाल से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है और एक आईटी एक्सपर्ट भी है।
मुंबई साइबर सेल के सूत्रों का कहना है कि मुंबई पुलिस की एक टीम गुवाहाटी के एयरपोर्ट पर पहुंची ही थी और जिस जगह से दिल्ली पुलिस ने नीरज विश्नोई को गिरफ्तार किया वहां से सिर्फ 1 घंटे की दूरी पर थी। तभी उसे जानकारी मिली कि दिल्ली पुलिस ने नीरज विश्नोई को हिरासत में ले लिया है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अधिकारियों का कहना है कि उनकी टीम नीरज विश्नोई को लेकर गुवाहाटी से निकल चुकी है और गुरुवार शाम तक दिल्ली लेकर पहुंच जाएगी।
मुंबई पुलिस के बड़े अधिकारियों का दबी जुबान में कहना है कि जब शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बुल्ली बाई ऐप मामले की जानकारी आईटी मिनिस्टर को दी थी तो उन्होंने इसे दिल्ली पुलिस को जांच करने के लिए कह दिया था, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कोई जांच नहीं की। जैसे ही मुंबई पुलिस की टीम ने इस मामले में आरोपियों को पकड़ना शुरू किया तो दिल्ली पुलिस अचानक हरकत में क्यों आई यह सोचने का विषय है।
हालांकि मुंबई पुलिस के सूत्रों का कहना है कि अगर यह कथित मुख्य आरोपी मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ जाता तो बुल्ली बाई ऐप के पीछे के मास्टरमाइंड का पता चल जाता। साथ ही इस आरोपी की मदद से उन लोगों तक भी पहुंचा जा सकता था जो मुस्लिम महिलाओं की छवि खराब कर देश में माहौल खराब करना चाहते थे। मुंबई पुलिस के एक बड़े अधिकारी का कहना है कि भले ही कथित मुख्य आरोपी को दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया हो लेकिन मुंबई पुलिस भी इस आरोपी से पूछताछ करने के लिए दिल्ली जाएगी।
अब तक तीन गिरफ़्तार
मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने बुल्ली बाई ऐप मामले में बुधवार को एक और छात्र को गिरफ्तार किया था। अभी तक इस मामले में मुंबई पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ़्तार कर चुकी है। मयंक रावत को बुधवार को उत्तराखंड से पकड़ा था जबकि दूसरी आरोपी श्वेता सिंह को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा की बेंगलुरु से हुई थी।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत के बाद मुंबई पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसके बाद मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने इस मामले की जांच शुरू की थी। मुंबई पुलिस को कुछ पीड़ितों ने शिकायत की थी कि उनकी अनुमति के बगैर उनके फोटो को बुल्ली बाई ऐप पर डाला गया और नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी।
हालांकि मुंबई पुलिस की जांच में यह साफ हो गया है कि इस तरह की कोई भी नीलामी इस ऐप के जरिए नहीं हुई थी। पुलिस को अंदेशा है कि आरोपियों ने इस ऐप्लीकेशन और ट्विटर हैंडल को सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करने के लिए बनाया हो।
आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने यह बुल्ली बाई ऐप मामला अपनी इंटेलिजेंस विंग ‘इंटेलीजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन्स’ (आईएफएसओ) यूनिट को सौंप दिया था और इसी यूनिट ने कथित मुख्य आरोपी को पकड़ा है। आईएफएसओ ही ‘सुली डील्स’ मोबाइल ऐप मामले की भी जांच कर रही है।