बल्क ड्रग्स पार्क प्रोजेक्ट भी महाराष्ट्र के हाथ से निकला: आदित्य
महाराष्ट्र में वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे सरकार को फिर से निशाने पर ले लिया है। पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि वेदांता-फॉक्सकॉन के बाद अब महाराष्ट्र से एक बड़ी ड्रग्स कंपनी की विदाई हो गई है। आदित्य ठाकरे का कहना है कि बल्क ड्रग्स पार्क प्लांट महाराष्ट्र में लगाया जाना था जिसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी।
लेकिन अब ऐसी खबरें हैं कि इस ड्रग्स पार्क प्लांट को भी महाराष्ट्र से किसी दूसरे राज्य में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
आदित्य ठाकरे का कहना है कि अगर यह बल्क ड्रग्स पार्क परियोजना महाराष्ट्र में स्थापित होती तो इससे करीब 80 हजार लोगों को रोजगार मिलता।
आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट के बाद अब बल्क ड्रग्स पार्क परियोजना जिसको महाराष्ट्र में स्थापित करने की बात चल रही थी, केंद्र सरकार के इशारे पर इस परियोजना को भी महाराष्ट्र से किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
शिंदे-फडणवीस पर आरोप
आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया कि अगर यह दोनों नेता वेदांता-फॉक्सकॉन और बल्क ड्रग्स पार्क परियोजना के मामले में गंभीरता से केंद्र सरकार से बातचीत करते तो आज ना केवल यह दोनों परियोजनाएं महाराष्ट्र में लग रही होती बल्कि लगभग तीन लाख लोगों को महाराष्ट्र में रोजगार भी मिलता।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि बल्क ड्रग्स पार्क परियोजना के मामले में आघाडी सरकार में खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर इसे महाराष्ट्र में स्थापित करने की मांग की थी, लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि केंद्र सरकार ने गुजरात, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से इस ड्रग्स पार्क के संबंध में रिपोर्ट मंगवाई है।
ठाकरे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव हैं और केंद्र सरकार चुनाव को देखते हुए इस तरह की परियोजनाओं को इन राज्यों में भेजने का काम कर रही है। आदित्य ने कहा कि उनकी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अपील है कि वह इस संबंध में देश के प्रधानमंत्री से बात करें और इस ड्रग्स पार्क परियोजना को महाराष्ट्र में वापस लाने के लिए पहल करें।
उधर, महाराष्ट्र में वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना पर उठे विवाद के बाद वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का कहना है कि यह सच है कि जुलाई महीने में वेदांता की महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत हुई थी और महाराष्ट्र सरकार चाहती थी कि वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना महाराष्ट्र में स्थापित हो लेकिन हमने जरूरतों को देखते हुए गुजरात में इस परियोजना को स्थापित करने का फैसला किया है।
अनिल अग्रवाल का कहना है कि हम सेमीकंडक्टर का प्लांट भले ही गुजरात में लगा रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र भी हमारी प्राथमिकता में है और एक दूसरा प्लांट भी महाराष्ट्र में बहुत जल्द हम लगाने वाले हैं।
फडणवीस ने दिया धन्यवाद
वेदांता द्वारा महाराष्ट्र के लिए की गई इस घोषणा के बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल का धन्यवाद दिया है। फडणवीस का कहना है कि महाराष्ट्र हमेशा से प्रतियोगिता के इस दौर में सबसे आगे है और हम वेदांता ग्रुप का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने अपने सेमीकंडक्टर प्लांट की दूसरी यूनिट महाराष्ट्र में लगाने की बात कही है।
फडणवीस ने आदित्य ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि शिवसेना हमेशा से महाराष्ट्र में कई परियोजनाओं के लगाने का विरोध करती आई है और ऐसे में उसे इस तरह के सवाल पूछने का कोई हक नहीं है। फडणवीस का कहना है कि प्राइवेट कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से काम करती है और हम वेदांता ग्रुप के इस फैसले का सम्मान करते हैं कि उन्होंने सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए गुजरात को चुना है।
कंपनी के फैसले का सम्मान: शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सत्य हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि वेदांता ग्रुप के अधिकारियों के साथ जुलाई में सेमीकंडक्टर प्लांट महाराष्ट्र में लगाने पर चर्चा हुई थी और हमने उन्हें बिजली और पानी की दरों में सब्सिडी देने की भी बात कही थी। इसके अलावा जमीन को भी सस्ती दरों पर लीज पर देने के लिए कहा था लेकिन आखिरी फैसला कंपनी का होता है कि वह कहां प्लांट लगाए।
शिंदे ने कहा कि इस प्लांट को लगाने के लिए वेदांता और फॉक्सकॉन कंपनी को गुजरात सरकार ने सब्सिडी के तौर पर 2800 करोड़ रुपए देने का फैसला किया था जबकि महाराष्ट्र की सरकार ने 3900 करोड़ की सब्सिडी देने की बात कही थी। लेकिन कम सब्सिडी मिलने के बावजूद कंपनी ने महाराष्ट्र की बजाय गुजरात में सेमीकंडक्टर का प्लांट लगाने का फैसला किया है। हम सभी को कंपनी के इस फैसले का सम्मान करना चाहिए।