+
मायावती का नया पैंतरा- सरकार बनी तो पश्चिमी यूपी होगा अलग राज्‍य

मायावती का नया पैंतरा- सरकार बनी तो पश्चिमी यूपी होगा अलग राज्‍य

लोकसभा चुनाव के लिए बीएसपी प्रमुख मायावती ने सोशल इंजीनियरिंग के साथ ही अब 'पश्चिमी यूपी की इंजीनियरिंग' की कर दी है। जानिए, उन्होंने क्या रणनीति अपनाई है।

मायावती ने पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने का वादा कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती रविवार को सहारनपुर से चुनावी सभा की शुरुआत कर रही थीं। उन्होंने इस लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में अपनी पहली चुनावी सभा में प्रदेश के विभाजन का कार्ड खेल दिया है।

उत्तर प्रदेश को चार राज्‍यों में बांटने की मांग रह-रहकर उठती रही है और चुनावी रैली के दौरान मायावती ने इस मुद्दे को फिर से हवा दे दी है। मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार बनने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाएगा। उन्होंने तो यहाँ तक घोषणा कर दी कि पश्चिम उत्तर प्रदेश अलग राज्य ही नहीं बनेगा, बल्कि यहाँ हाईकोर्ट बेंच भी बनायी जाएगी।

मायावती ने मुजफ्फरनगर में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने का वादा किया है। इलाहाबाद में हाईकोर्ट और लखनऊ में बेंच होने की वजह से दशकों से मेरठ या पश्चिमी यूपी के किसी जिले में हाईकोर्ट बनाने की मांग भी लगातार उठती रही है। हाईकोर्ट ही नहीं, बल्कि यूपी को चार राज्यों में विभाजित करने की मांग लगातार की जाती रही है। 

यूपी की राजनीति मूलतः चार हिस्सों- पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और अवध में बंटी हुई है। राज्य के सभी क्षेत्रों के अपने मुद्दे और अपने समीकरण हैं। राज्य के विभाजन की बात को हवा देने की बात तब सामने आई है जब पश्चिमी यूपी में मायावती सोशल इंजीनियरिंग में भी लगी है। बिजनौर में जाट, कैराना में राजपूत, मुजफ्फरनगर में प्रजापति, सहारनपुर में मुस्लिम को टिकट दिया गया है।

वैसे, टिकट वितरण में मुस्लिमों को टिकट देने के मामले में वह इस बार काफी सुर्खियों में रही हैं। बीएसपी ने शुरुआत में जो यूपी के लिए 16 प्रत्याशी घोषित किए थे उनमें सबसे ज्यादा ध्यान मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या ने खींचा था। तब 16 में से 7 उम्मीदवार तो मुस्लिम ही थे। यह माना जा रहा है कि ये 7 मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती बन सकते हैं, क्योंकि इंडिया गठबंधन के घटक दलों यानी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कोर वोटर्स की लिस्ट में मुस्लिम समुदाय प्रमुख हैं।

बीएसपी ने पहले जिन 7 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे, उनमें अमरोहा, सहारनपुर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, आंवला और पीलीभीत हैं।

उधर कांग्रेस ने अमरोहा से दानिश अली, सहारनपुर से इमरान मसूद को टिकट दिया है। इसी तरह सपा ने संभल की सीट से पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियार्रहमान बर्क को सियासी मैदान में उतारा है। अब यदि बीएसपी द्वारा उतारे गए मुस्लिम उम्मीदवारों के चलते मुस्लिम वोट बँटता है तो पीडीए के लिए मुश्किलें आ सकती हैं।

मायावती की पार्टी बीएसपी ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को चौथी सूची जारी की है। इसमें नौ उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। इसमें दो मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम हैं। अब तक पार्टी ने 11 मुस्लिमों को उम्मीदवार बनाया है।

कहा तो यह भी जा रहा है कि टिकट वितरण में मायावती ने सर्व समाज को प्रतिनिधित्व का संदेश दिया है। मीरापुर के पूर्व विधायक मौलाना जमील को उत्तराखंड के हरिद्वार से उम्मीदवार बनाया गया है।

पश्चिमी यूपी की सियासत मुस्लिम, जाट और दलित समाज के जाटव समुदाय के आसपास घूमती है। पश्चिमी यूपी की खासियत यह है कि यहाँ पर इन जातियों का बहुत ही बोलबाला है। राज्य के लिहाज से सबसे ज्यादा जाति को लेकर सियासत इसी क्षेत्र में होती है। पश्चिमी यूपी में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या क़रीब 32 फीसदी है। पश्चिम यूपी में जाट करीब 17 फीसदी हैं। दलित वर्ग पश्चिम यूपी में 26 प्रतिशत है। जाटव समुदाय के लोग भी अच्छी खासी तादाद में हैं। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें