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कर्नाटक: सिद्धारमैया के ख़िलाफ़ अपने बेटे को चुनाव लड़ाएँगे येदियुरप्पा?

कर्नाटक: सिद्धारमैया के ख़िलाफ़ अपने बेटे को चुनाव लड़ाएँगे येदियुरप्पा?

क्या बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के लिए ख़ास रणनीति के तहत सिद्धारमैया के ख़िलाफ़ येदियुरप्पा के बेटे को चुनाव लड़ने की योजना बनाई है? जानिए, येदियुरप्पा ने क्या संकेत दिया।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने संकेत दिया है कि उनके बेटे को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ाया जा सकता है। कर्नाटक में भाजपा के चुनाव अभियान की अगुवाई कर रहे येदियुरप्पा ने कहा है कि उनके बेटे वरुणा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। सिद्धारमैया को मैसूर की वरुणा सीट से मैदान में उतारा गया है, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में उनके बेटे यतींद्र कर रहे हैं।

येदियुरप्पा पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह पूछे जाने पर कि क्या उनके बेटे विजयेंद्र को वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा जाएगा, पूर्व सीएम ने इस संभावना से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा, 'बातचीत चल रही है, यह केंद्रीय नेतृत्व के फैसले पर निर्भर करता है। लेकिन हम एक मजबूत उम्मीदवार चुनेंगे और कड़ी टक्कर देंगे। चलो देखते हैं क्या होता है।'

उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब चुनाव आयोग ने बुधवार को चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। राज्य में 10 मई को मतदान होगा। 13 मई को नतीजे आएंगे। यानी चुनाव एक चरण में पूरा हो जाएगा। राज्य में आदर्श आचार संहिता तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है। 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त हो रहा है। चुनाव प्रक्रिया उससे पहले पूरी हो जाएगी। 

चुनाव में आरक्षण को मुद्दा बनाए जाने को लेकर भाजपा नेता ने कहा, 'लिंगायतों और अन्य समुदायों के लिए आरक्षण कोटा उचित है। मुसलमानों के साथ भी कोई अन्याय नहीं किया गया है। अब उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में आरक्षण मिलेगा।'

येदियुरप्पा को इस सप्ताह के शुरू में विरोध का सामना करना पड़ा जब बसवराज बोम्मई सरकार ने केंद्र को आरक्षण में हेरफेर की सिफारिश की। बंजारा और अन्य पिछड़े समुदायों के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शिवमोग्गा में उनके घर पर पथराव किया।

कर्नाटक में मुसलमानों का 4 फीसदी कोटा खत्म करके उसे राज्य के वोक्कालिगा औऱ लिंगायत समुदायों में बांट दिया गया है। दोनों समुदाय अपना कोटा बढ़ाने के लिए आंदोलन चला रहे थे।

पिछले हफ्ते राज्य मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण को 15% से बढ़ाकर 17% कर दिया और आंतरिक कोटा पेश किया।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 224 सीटों वाली विधानसभा में 70 से ज्यादा सीटों का आँकड़ा पार नहीं करेगी। भ्रष्टाचार के आरोपों पर येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेसी भ्रष्टाचार करते हैं और इसलिए वे 40 फ़ीसदी कमीशन का झूठा आरोप लगा रहे हैं। 

येदियुरप्पा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर भी उन्होंने स्थिति साफ़ की। उन्होंने कहा, 'मैंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया है और सीएम पद से भी इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मैं पहले ही 80 साल की उम्र पार कर चुका हूं। भले ही मैं 80 साल से अधिक हो गया हूं, मैं इस बार ही नहीं, अगली बार भी राज्य में घूमूंगा। हम देखेंगे, हम इस बार ही नहीं बल्कि अगली बार भी बहुमत हासिल करेंगे।'

बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के अंदर ही 'संघर्ष' की रिपोर्टें आई थीं। जिन बीएस येदियुरप्पा के 'सम्मान' में अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने तारीफों के पुल बांधे थे उनको बीजेपी कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण चिक्कमगलुरु जिले में पार्टी के चुनाव पूर्व एक कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा था। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि का समर्थन करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा घेराव किया गया।

कहा गया कि सीटी रवि और येदियुरप्पा के बीच आगामी चुनाव में टिकट देने को लेकर विवाद है। वैसे ताज़ा विवाद तो एक विधायक एम पी कुमारस्वामी को टिकट देने को लेकर है, लेकिन येदियुरप्पा के बेटे को भी अपनी पसंद की सीट से टिकट दिए जाने पर दोनों में एक राय नहीं है। येदियुरप्पा ने हाल ही में कहा था कि उनके बेटे बी वाई विजयेंद्र आगामी चुनावों में शिमोगा जिले के शिकारीपुरा से चुनाव लड़ेंगे। इस पर सीटी रवि ने येदियुरप्पा की घोषणा को खारिज कर दिया था। कहा गया कि इन्हीं वजहों से प्रदर्शन हुआ था।

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