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बृजभूषण ने किसको चेताया- 'कौन काटेगा मेरा टिकट, नाम बताओ'

बृजभूषण ने किसको चेताया- 'कौन काटेगा मेरा टिकट, नाम बताओ'

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में फँसे बृजभूषण शरण सिंह का चुनाव में टिकट काटने की हिम्मत क्या किसी में नहीं है? जानिए, किसके दम पर वह ऐसी चेतावनी दे रहे हैं।

बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अब सीधे तौर पर चेता दिया है कि उनका टिकट काटने की हिम्मत किसी में नहीं है। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप में फँसे बृजभूषण शरण सिंह टिकट काटे जाने के कयास को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा है कि 'कौन काट रहा है मेरा टिकट'। 

पत्रकारों ने बृजभूषण से सवाल किया था कि क्या आपको टिकट मिल रहा है? इस पर बृजभूषण ने जवाब दिया, 'कौन काट रहा है, उसका नाम बताओ। काटोगे आप? ...काटोगे? ....काट पाओ तो काट लेना।' हँसते हुए यह कहते हुए बृजभूषण आगे बढ़ जाते हैं। 

उनका यह बयान रविवार को तब आया है जब हाल ही में दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा है कि आरोपी बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराया कि उन्होंने ऐसा एक पिता की तरह किया। 

महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में ऐसी ही यौन उत्पीड़न की शिकायतें की गई हैं। एक पीड़ित पहलवान की शिकायत में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।

दूसरी महिला पहलवानों ने तब यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई घटनाओं में छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया है कि इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक ​​कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। उन्होंने कहा है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था। 

वैसे, इससे पहले बृजभूषण ने चुनाव लड़ने की घोषणा तब भी की थी जब उनके ख़िलाफ़ महिला पहलवानों का प्रदर्शन चरम पर था और ऐसा लग रहा था कि बीजेपी उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए भारी दबाव में है।

लेकिन तब जून महीने में यूपी में बीजेपी की एक रैली में बृजभूषण ने बीजेपी के मंच से ही 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी रख दी थी। उन्होंने महिला पहलवानों पर तंज कसा था। बिल्कुल उस अंदाज में जैसे उन्हें महिला पहलवानों के इस स्तर के यौन उत्पीड़न के आरोप और विरोध-प्रदर्शन से कुछ फर्क ही नहीं पड़ा हो!

इस यौन उत्पीड़न के पूरे मामले ने देश को झकझोर दिया। महिला पहलवानों ने एफ़आईआर में एक-एक घटना का ज़िक्र किया। शिकायत करने के बाद महिला पहलवानों ने कथित रूप से धमकियाँ झेलीं। जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने उन पर एफ़आईआर दर्ज की। यहाँ तक कि पहलवानों ने अपने मेडल नदी में बहाने की घोषणा तक कर दी थी। 

इसके बाद भी अभी तक पहलवानों की मांग के अनुसार कार्रवाई नहीं हुई है और इसमें बहुत देरी हुई है। तो सवाल है कि आख़िर समयबद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कौन हैं बृजभूषण और इतने ताक़तवर कैसे हैं? 

बृजभूषण शरण सिंह खुद कुश्ती के अखाड़े में हाथ आजमा चुके हैं। कुश्ती से निकले तो राजनीति के अखाड़े में कूदे हैं। पहले समाजवादी पार्टी में थे और अब बीजेपी में हैं। कभी खुद उम्मीदवार के रूप में उतरे तो कभी उम्मीदवार के रूप में अपनी पत्नी को उतारा। 

कहा जाता है कि पहलवान रहे बृजभूषण शरण सिंह राम जन्मभूमि आंदोलन के माध्यम से राजनीति में आये। बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनपर मुक़दमा भी हुआ। कहा जाता है कि उन्हें बीजेपी की उतनी ज़रूरत नहीं है जितनी बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बृजभूषण शरण सिंह की है। उनकी अपने मूल गोंडा के आसपास के कम से कम आधा दर्जन जिलों में जबरदस्त पकड़ है। 

उनका रुतबा क्या है इसका इससे भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक इंटरव्यू में कथित तौर पर हत्या की बात की थी। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में उनको यह कहते सुना जा सकता है। 

एक अन्य वीडियो में मंच पर किसी को थप्पड़ मारते हुए उन्हें देखा जा सकता है। राहुल अहिर नाम के यूज़र ने एक पुराने वीडियो को ट्वीट कर लिखा है कि एक कार्यक्रम में शिकायत लेकर पहुँचे यूपी के पहलवान को उन्होंने थप्पड़ जड़ दिये थे।

बृजभूषण शरण सिंह की राजनीतिक ताक़त का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि वह छह बार के सांसद हैं। उनके बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर से विधायक के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में हैं।

बृजभूषण सिंह ने पिछले साल अक्टूबर में उत्तर प्रदेश में बाढ़ के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने प्रशासन पर खराब तैयारी करने, राहत के लिए पर्याप्त काम नहीं करने का आरोप लगाया और कहा था कि लोगों को "भगवान भरोसे" छोड़ दिया गया। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया था कि मौजूदा सरकार आलोचना बर्दाश्त नहीं करती और इसे व्यक्तिगत रूप से लेती है।

ऐसी टिप्पणी के लिए भी बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ न तो योगी सरकार की ओर से और न ही बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से कुछ बयान आया था। सिंह ने उस सपा नेता आजम खान की प्रशंसा की थी जो राज्य में भाजपा के निशाने पर रहते हैं। 

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