अतीक अहमद की दो दिन पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस कस्टडी में हुई उसकी हत्या के बाद से तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। इन्हीं सवालों के बीच मंगलवार की दोपहर अतीक अहमद के एक और वकील दयाशंकर मिश्रा के आवास के बाहर बम विस्फोट हुआ। हालांकि, इसमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है।
घर के बाहर हुई इस विस्फोट पर अतीक के वकील दयाशंकर मिश्रा का कहना है, 'मैं गलत तरीके से किसी का नाम नहीं लेना चाहता। लेकिन मुझे संदेह है कि यह नाटक मुझे डराने के लिए किया गया है।' हालाँकि, पुलिस का कहना है कि दो लोगों के आपसी झगड़े में यह विस्फोट किया गया है।
जिस इलाके में यह घटना हुई है वह प्रयागराज का व्यस्ततम कटरा इलाका है जहां हर समय भीड़ रहती है। इसके अलावा प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू है। ऐसी स्थिति में बम विस्फोट होने से प्रयागराज पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं।
कर्नलगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ राम मोहन राय ने इस घटना पर बयान देते हुए कहा कि इसमें अतीक के वकील दयाशंकर मिश्रा को निशाना नहीं बनाया गया था। यह घटना दो युवकों के बीच आपसी दुश्मनी का नतीजा थी। इसका दयाशंकर मिश्रा से कोई लेना देना नहीं है।
अतीक अहमद और अशरफ को बीते शनिवार को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाते समय गोली मार दी गई थी। एक से ज्यादा गोलियां लगने के कारण दोनों की ही मौके पर ही मौत हो गई थी।
मंगलवार को ही अतीक के एक और वकील विजय मिश्रा ने दावा किया है कि अशरफ द्वारा लिखा गया एक एक पत्र सीलबंद लिफाफे में भारत के चीफ जस्टिस, चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाईकोर्ट, और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास पहुंच रहा है। इस पत्र में उनकी हत्या कराने वाले का नाम होने की संभावना जताई जा रही है।
विजय मिश्रा ने यह भी दावा किया कि सीलबंद लिफाफे वाला वह पत्र न तो मेरे पास है और न ही मेरे द्वारा भेजा गया है। इसे कहीं और रखा गया है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भेजा जा रहा है।