इन फ़िल्मों से सिनेमा के सुपरस्टार बने थे इरफ़ान, मिले थे कई अवॉर्ड

03:26 pm Apr 29, 2020 | दीपाली श्रीवास्तव - सत्य हिन्दी

बॉलीवुड के चमकते सितारों में से एक इरफ़ान ख़ान ने अपनी दमदार एक्टिंग से सभी का दिल जीता। इरफ़ान के निधन पर आज पूरा फ़िल्म जगत दुखी है और सभी कलाकार कह रहे हैं कि हमने एक बड़ा सितारा खो दिया है। इरफ़ान ने अपनी बेहतरीन एक्टिंग से एक अलग पहचान बनाई थी। ‘पान सिंह तोमर’ और ‘तलवार’ फ़िल्म में उन्होंने शानदार अभिनय किया था। 

इरफ़ान ने अपनी आखिरी फ़िल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में भी दमदार अभिनय किया। आज जब इरफ़ान दुनिया को अलविदा कह चुके हैं तो उनकी यादें और उनकी बेहतरीन फ़िल्में ही हमारे बीच रह गई हैं। वैसे तो इरफ़ान ख़ान ने सभी फ़िल्मों में बेहतर अभिनय किया लेकिन उनमें से कुछ ऐसी फ़िल्में, जिनमें किए गए अभिनय से वह स्टार कहलाए, उनके बारे में हम आपको बताते हैं -

1. पान सिंह तोमर (2012) 

फ़िल्म ‘पान सिंह तोमर’ में इरफ़ान का किरदार एक एथलीट का था और एथलीट से फिर वह डकैत बन जाते हैं। इस फ़िल्म में उनकी परफ़ॉर्मेंस इतनी बेहतरीन थी कि लोग उनकी एक्टिंग के दीवाने हो गए थे। फ़िल्म ने बॉक्स ऑफ़िस पर धमाल मचा दिया था।

2. मक़बूल (2004) 

इस फ़िल्म में इरफ़ान ने मक़बूल नाम के शख़्स का किरदार निभाया था। फ़िल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि मक़बूल एक अंडरवर्ल्ड डॉन अब्बा जी का भरोसेमंद आदमी है। वह अब्बा के यहां काम करने वाली एक नौकरानी निम्मी से चुपचाप प्यार करता है। वह मक़बूल को अब्बा जी के ख़िलाफ़ भड़काती है और मक़बूल अब्बा जी का खून कर देता है। 

3. द लंच बॉक्स (2013) 

इस फ़िल्म में इरफ़ान का किरदार एक सरकारी दफ्तर में काम करने वाले शख़्स का था जिसकी पत्नी की मौत हो जाती है। हर दिन ऑफ़िस में उनके लिए आने वाला लंच बॉक्स किसी और के टिफ़िन से बदल जाता है और उसमें उन्हें रोज एक चिट्ठी मिलती थी। फ़िल्म में उन्हें अनोखे तरह से इश्क हो गया था।

4. पीकू (2015) 

यह फ़िल्म भी इरफ़ान की ख़ास फ़िल्मों में से एक है। इस फ़िल्म में इरफ़ान ने एक कैब ड्राइवर का किरदार निभाया है और इसमें उन्होंने दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था। फ़िल्म में एक सनकी पिता अपनी बेटी से चाहता है कि वह उसपर पूरा ध्यान दे। उन्हें कहीं लाने या ले जाने के लिए कोई ड्राइवर तैयार नहीं होता लेकिन एक ड्राइवर तैयार हो जाता है। जिसका किरदार इरफ़ान ने निभाया था।

5. हिंदी मीडियम (2017) 

इस फ़िल्म में बच्चों को अच्छे और बड़े स्कूल में एडमिशन दिलाने की जद्दोजहद दिखाई गई है और इसमें इरफ़ान ने एक अमीर पिता का रोल अदा किया था। कहानी यह थी कि एक बड़े स्कूल में एडमिशन के लिए कोई नॉर्मल सीट नहीं बचती है और अमीर पिता एक ग़रीब आदमी बनकर अपने बच्चे का एडमिशन कराता है। इस फ़िल्म में भी इरफ़ान की एक्टिंग ने लोगों का दिल जीत लिया था और इसी का सीक्वल ‘अंग्रेजी मीडियम’ फ़िल्म मार्च में रिलीज़ हुई है।

6. मदारी (2016)

इस फ़िल्म में इरफ़ान ने पिता के रोल में शानदार एक्टिंग की थी। फ़िल्म में दिखाया गया था कि भ्रष्टाचार के कारण एक पुल ढह जाता है, जिसमें कई लोगों के साथ एक 7 वर्षीय बच्चा भी मारा जाता है। इस बच्चे का पिता निर्मल कुमार (इरफ़ान खान) गृह मंत्री के 8 वर्षीय बेटे का अपहरण कर लेता है ताकि उसे पता चले कि बेटे पर जब कोई मुसीबत आती है तो कैसा महसूस होता है। 

7. तलवार (2015)

इस फ़िल्म में इरफ़ान ने सीबीआई अफ़सर का किरदार बहुत ही कमाल के अंदाज में निभाया और इस किरदार को आज भी काफी याद किया जाता है। फ़िल्म में 2008 में हुए आरूषि हत्याकांड को दिखाया गया था।

इरफ़ान को मिले थे ये अवॉर्ड 

फ़िल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए इरफ़ान को बेस्ट एक्टर अवॉर्ड, फ़िल्म फ़ेयर अवॉर्ड मिला था। इस फ़िल्म में इरफ़ान की एक्टिंग को सभी ने पसंद किया था तो वहीं ‘पीकू’ के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड और बेस्ट एक्टर इन सपोर्टिंग रोल का अवॉर्ड भी मिला था। 

फ़िल्म ‘हिंदी मीडियम’ के लिए इरफ़ान को बेस्ट एक्टर व बेस्ट एक्टर इन लीड रोल के अवॉर्ड से नवाजा गया था। फ़िल्म ‘पीकू’ और ‘तलवार’ के लिए इरफ़ान को एक्टर ऑफ़ द ईयर का भी अवॉर्ड दिया गया था। जब ‘हिंदी मीडियम’ के लिए इरफ़ान को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था तो उन्होंने आइफ़ा और दर्शकों का धन्यवाद किया था और कहा था, ‘दर्शकों और आइफ़ा का शुक्रिया जो मेरी इस यात्रा का हिस्सा बने।’

हमेशा याद रहेंगे इरफ़ान                           

इसके अलावा भी इरफ़ान ने न जाने कितनी फ़िल्में की हैं जिनके नाम - ‘हासिल’, ‘डी-डे’, ‘स्लम डॉग मिलेनियर’, ‘कारवां’, ‘जज्बा’, ‘गुंडे’, ‘हैदर’, ‘लाइफ़ इन ए मेट्रो’ आदि हैं। इरफ़ान की आख़िरी फ़िल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ से उनकी वापसी होने पर फ़ैंस खुश हो गए थे लेकिन आज इरफ़ान ने दुनिया को अलविदा कहकर सभी से विदा ले ली है। बॉलीवुड में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जायेगा।