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मुंबई में अब लगवाएँ पसंद की वैक्सीन- कोविशील्ड या कोवैक्सीन

मुंबई में अब लगवाएँ पसंद की वैक्सीन- कोविशील्ड या कोवैक्सीन

मुंबई में अब अपनी पसंद की वैक्सीन लगवाई जा सकती है। हालाँकि, चुनने का मौक़ा दो वैक्सीनों में से ही मिलेगा- कोविशील्ड या फिर कोवैक्सीन।

मुंबई में अब अपनी पसंद की वैक्सीन लगवाई जा सकती है। हालाँकि, चुनने का मौक़ा दो वैक्सीनों- कोविशील्ड या फिर कोवैक्सीन में से ही मिलेगा। देश में इन दो टीकों को ही आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। बीएमसी यानी बृह्नमुंबई महानगरपालिका ने पाँच टीकाकरण केंद्रों पर अपनी पसंद की वैक्सीन लगाने की छूट की घोषणा की है। इसकी यह घोषणा तब हुई है जब हाल ही में कोवैक्सीन 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में नहीं रही।

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने चार दिन पहले ही गुरुवार को क्लिनिकल ट्रायल मोड का वह ठप्पा हटा दिया है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की कोविशील्ड की तरह ही सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। यानी कोवैक्सीन को लगवाने से पहले लोगों को सहमति वाले  फ़ॉर्म पर दस्तख़त करने की ज़रूरत नहीं है। 

इससे पहले जनवरी में जब टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू किए जाने की घोषणा की गई थी तो यह भी कहा गया था कि लोगों को अपनी पसंद की कोरोना वैक्सीन लगवाने की छूट नहीं होगी। यानी जो किसी व्यक्ति के हिस्से में आ जाए वही वैक्सीन लगावाना पड़ता है। ऐसा इसलिए कि सरकार ने तय किया था कि टीकों में से किसी एक को चुनने का विकल्प नहीं दिया जाएगा। 

तब एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि दुनिया में कई स्थानों पर एक से अधिक वैक्सीन लगाई जा रही हैं, लेकिन फ़िलहाल किसी भी देश में वैक्सीन प्राप्तकर्ताओं के पास शॉट्स चुनने का विकल्प नहीं है।

लेकिन इसमें एक दिक्कत तब आ रही थी जब भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में इस्तेमाल किया जा रहा था और संबंधित व्यक्ति की सहमति लेकर वैक्सीन लगाई जा रही थी। कोविशील्ड नहीं लगवाने के इच्छुक व्यक्ति के हिस्से में कोवैक्सीन आ जाने और उसको लगवाने से इंकार कर देने पर यह दिक्कत आ रही थी। ऐसे में या तो उसे कोविशील्ड लगवाने की मजबूरी थी या फिर उसे वैक्सीन लगायी ही नहीं जाती। 

हालाँकि, मुंबई में बीएमसी ने पाँच टीकाकरण केंद्रों पर कोवैक्सीन टीके को लगाने को मंजूरी दी है। 14 मार्च से पहले कोवैक्सीन सिर्फ़ एक सेंटर जेजे अस्पताल में ही लगाई जा रही थी।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार से बीएमसी को 63 हज़ार डोज कोवैक्सीन के मिले हैं। रिपोर्ट के अनुसार बीएमसी के अतिरिक्त निगम आयुक्त सुरेश ककानी ने कहा है कि सेंटर पर आने वाले लोगों को अपनी पसंद की वैक्सीन चुनने का मौक़ा दिया जाएगा। दो-तीन दिन में वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाली को-विन वेबसाइट पर भी विकल्प उपलब्ध करा दिया जाएगा। 

बता दें कि कोवैक्सीन भी भारत में टीकाकारण अभियान का हिस्सा है। हाल ही में भारत बायोटेक ने तीसरे चरण के ट्रायल के आँकड़े आ जाने का दावा किया है। भारत बायोटेक ने 3 मार्च को ये आँकड़े जारी किए और कहा कि यह कोरोना को रोकने में 81 फ़ीसदी प्रभावी है। तीसरे चरण के आँकड़े 25,800 प्रतिभागियों पर ट्रायल के आधार पर हैं। इसने यह भी कहा कि इस मामले में और अधिक जानकारी इकट्ठा करने और वैक्सीन की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए 130 पुष्ट मामलों के अंतिम विश्लेषण तक ट्रायल जारी रहेगा।

भारत बायोटेक ने यह भी दावा किया कि 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के विश्लेषण से पता चलता है कि टीके से बनी एंटीबॉडी ब्रिटेन में पाए गए नये क़िस्म के कोरोना को बेअसर कर सकती है।'

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