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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए बीजेपी का एक महीने का उत्सव क्यों?

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए बीजेपी का एक महीने का उत्सव क्यों?

उत्तर प्रदेश में बीजेपी अब एक महीने के लिए काशी विश्वनाथ उत्सव मनाने की तैयारी क्यों कर रही है और क्यों 51000 एलईडी स्क्रीन लगाई जाएँगी?

अगले कुछ महीनों में होने वाले चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियों और सभाओं के बीच बीजेपी ने अब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर विशेष रणनीति बनाई है। पार्टी नवनिर्मित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का जश्न एक महीने तक मनाने जा रही है। इसमें प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी अध्यक्ष, मंत्री और मुख्यमंत्री तक शामिल होंगे। कार्यक्रम कितने बड़े स्तर पर है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके लिए 51 हज़ार एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके लिए पार्टी महासचिव तरुण चुग की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति का गठन भी कर दिया है। यह समिति 13 दिसंबर से 14 जनवरी तक कई कार्यक्रमों की योजना बनाएगी और आयोजन करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को नव विकसित कॉरिडोर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए बीजेपी देश भर में 51,000 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाएगी जहाँ 'दिव्य काशी-भव्य काशी' कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके अलावा सभी प्रमुख मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक संगठनों में बड़े एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी। 

इस एलईडी स्क्रीन लगाने का मक़सद क्या हो सकता है, यह इससे ही समझा जा सकता है कि काशी विश्वनाथ धाम से लोग सीधा प्रसारण देख सकें, इसके लिए चुनाव वाले उत्तर प्रदेश के सभी गांवों में इसकी व्यवस्था की जा रही है।

हालाँकि, 13 दिसंबर से उस योजना को चलाने की तैयारी है,  लेकिन कार्यक्रम 9 दिसंबर को ही शुरू हो जाएँगे। इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इसी दिन से बीजेपी कार्यकर्ता देश भर के सभी जिलों में 'दिव्य काशी-भव्य काशी' पर 'प्रभात फेयरी' निकालेंगे। 

10 दिसंबर से तीन दिनों तक देश भर के सभी मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इसमें बीजेपी के कार्यकर्ता से लेकर विधायक, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री भी शरीक होंगे।

बीजेपी हर शहर, कस्बे और गांव में 'दीपोत्सव' भी आयोजित करेगी। पार्टी 14 दिसंबर को सभी सीएम और डिप्टी सीएम का एक सम्मेलन आयोजित करेगी जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष हिस्सा लेंगे।

सीएम और डिप्टी सीएम भी 13 दिसंबर से काशी में तीन दिवसीय धार्मिक और सांस्कृतिक 'प्रवास' पर होंगे। 17 दिसंबर को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय और यूपी के शहरी विकास विभाग काशी में महापौरों का एक सम्मेलन आयोजित करेंगे। इसके अलावा भी कई कार्यक्रम होंगे। 

उत्तर प्रदेश में यह सब घटनाक्रम तब चल रहा है जब अगले कुछ ही महीनों में राज्य में चुनाव होने वाले हैं। चुनावी रैलियों में ध्रुवीकरण की पूरी कोशिश की जा रही है। चुनावी विश्लेषक मानते हैं कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि कई ओपिनियन पोल में नतीजे कुछ राजनीति दलों के अनुकूल नहीं लग रहे हैं।

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