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जम्मू: उधमपुर में 8 घंटे के अंदर दो बम धमाके, दो लोग घायल 

जम्मू: उधमपुर में 8 घंटे के अंदर दो बम धमाके, दो लोग घायल 

धमाकों के बाद से ही पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के जवान मौके पर मौजूद हैं और धमाके को अंजाम देने वालों की खोजबीन की जा रही है। 

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में 8 घंटे के भीतर दो बम धमाके हुए हैं। पहला धमाका बुधवार रात को 10:30 बजे के आसपास एक पेट्रोल पंप के पास खड़ी बस में हुआ जबकि दूसरा धमाका सुबह 6 बजे उधमपुर के बस अड्डे में खड़ी एक बस में हुआ। इन धमाकों में 2 लोग जख्मी हुए हैं। 

जम्मू-जोन के एडिशनल डीजीपी मुकेश सिंह ने कहा है कि शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि इन बम धमाकों में आईईडी का इस्तेमाल किया गया है। 

इस मामले में आगे की जांच जारी है। धमाकों के बाद से ही पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के जवान मौके पर मौजूद हैं और धमाके को अंजाम देने वालों की खोजबीन की जा रही है। 

धमाके के बाद स्थानीय लोगों ने कांग्रेस की पार्षद प्रीति खजूरिया के नेतृत्व में जिला प्रशासन के दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद हाय हाय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। 

यह धमाका ऐसे वक्त में हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कुछ दिन बाद ही जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जाने वाले हैं। 

धमाके के बाद सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। स्थानीय लोगों ने News24 से बातचीत में कहा कि धमाके के बाद यहां के लोग डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले भी इस इलाके में ऐसा ही एक बम धमाका हुआ था। 

सुरक्षा एजेंसियां इस बात का पता कर रही हैं कि आखिर इन धमाकों के पीछे किसका हाथ है। क्या इसके पीछे कोई बड़ी आतंकी साजिश है। पुलिस अफसरों ने कहा है कि इन बम धमाकों में जो दो लोग घायल हुए हैं उनसे भी पूछताछ की जा रही है और आतंकी एंगल होने की साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता। पुलिस ने इलाके में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से कहा गया है कि वह अपने वाहनों की जांच कर लें कि कहीं उनमें कोई संदिग्ध वस्तु या सामान तो नहीं रखा गया है। इन घटनाओं के बाद पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है और आने-जाने वाले वाहनों की जांच की जा रही है। 

कई लोगों की हत्या

कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में दहशतगर्दों ने एक बार फिर आतंकी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ महीनों में कश्मीरी पंडितों के साथ ही बाहर से आए लोगों को भी आतंकियों ने मौत के घाट उतारा है। कई प्रवासी मजदूरों की भी आतंकियों ने हत्या की है। इसके बाद घाटी में काम कर रहे कश्मीरी पंडितों ने उन्हें सुरक्षित इलाकों में भेजे जाने की मांग की थी। 

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