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गुजरात: निकाय चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत, कांग्रेस रही फिसड्डी

गुजरात: निकाय चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत, कांग्रेस रही फिसड्डी

गुजरात के नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा है। 

गुजरात के नगर निकाय चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा है। कुछ दिन पहले हुए नगर निगम चुनाव में भी बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी। बीजेपी ने राज्य की सभी 31 जिला पंचायतों में जीत हासिल की है। 2015 के पंचायत चुनाव में कांग्रेस को 7 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन इस बार वह एक भी जिला पंचायत में जीत हासिल नहीं कर सकी। इसी तरह तालुका पंचायतों, नगर पालिकाओं में भी बीजेपी काफी आगे रही है। तालुका पंचायतों, नगर पालिकाओं में आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम ने भी कुछ सीटें झटकी हैं। 

एआईएमआईएम ने किया कमाल

मोडासा नगर पालिका में एआईएमआईएम ने कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया। एआईएमआईएम यहां पर मुख्य विपक्षी दल बन गया है। इसके लिए हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने मोडासा के लोगों का आभार जताया है। उन्होंने एआईएमआईएम की गुजरात टीम और जीते हुए नेताओं को बधाई दी है। 

पीएम मोदी ने जताया आभार

बीजेपी के शानदार प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वे गुजरात के मतदाताओं द्वारा बीजेपी के प्रति व्यक्त किए गए इस विश्वास के आगे सिर झुकाते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात हमेशा बीजेपी के विकास और गुड गवर्नेंस के एजेंडे के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। 

2022 के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की इस बढ़त को अहम माना जा रहा है। किसान आंदोलन, महंगाई और रोज़गार के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे युवाओं के हमलों से जूझ रही बीजेपी को गुजरात से बड़ी राहत मिली है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफ़ा

कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने इस्तीफ़ा दे दिया। दोनों नेताओं ने कांग्रेस की हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार बताया है। 

मुश्किल में कांग्रेस 

2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पार्टी के लिए जमकर पसीना बहाया था और पार्टी को इसका फायदा भी मिला था। 2012 में कांग्रेस को जहां 61 सीटें मिली थीं, वहीं 2017  में यह आंकड़ा 77 हो गया था, दूसरी ओर बीजेपी 2012 में मिली 115 सीटों के मुक़ाबले 2017 में 99 सीटों पर आ गयी थी। लेकिन उसके बाद कांग्रेस में विधायकों की ऐसी भगदड़ मची कि आज कांग्रेस के पास राज्य में विधायकों की संख्या 65 रह गई है जबकि बीजेपी का आंकड़ा 111 हो गया है। इसके बाद नगर निगम और अब निकाय चुनाव में पार्टी पिछड़ गई है। कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम गुजरात में नई मुश्किल बनकर उभरी हैं। 

 - Satya Hindi

पंजाब में जीती थी कांग्रेस

कांग्रेस ने पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था जबकि शिरोमणि अकाली दल को करारा झटका लगा। पंजाब में अकाली दल की बैशाखी के सहारे राजनीति करने वाली बीजेपी भी पूरी तरह साफ हो गई थी। पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी अपनी ही उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। कांग्रेस ने पंजाब के 8 में से 7 नगर निगमों में जीत दर्ज की है। इनमें मोगा, अबोहर, बठिंडा, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट और बटाला शामिल हैं जबकि मोहाली में अकाली दल को जीत मिली थी। 

हरियाणा में हारी थी बीजेपी 

दिसंबर, 2020 में हरियाणा में हुए तीन नगर निगमों के चुनाव में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को सिर्फ़ एक निगम में जीत मिली थी। उससे पहले बरोदा सीट पर हुए उपचुनाव में भी इस गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था। माना गया था कि खट्टर सरकार को किसानों की नाराज़गी का खामियाजा उठाना पड़ा है। 

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