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भाजपाः क्या राष्ट्रीय सचिव को हटाने का संबंध हेराफेरी के आरोप लगाने से है

भाजपाः क्या राष्ट्रीय सचिव को हटाने का संबंध हेराफेरी के आरोप लगाने से है

भाजपा ने बुधवार को अपने राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाज़रा को हटा दिया। एक लाइन की यह सूचना मीडिया में बड़ी खबर नहीं बनी। फिर बीजेपी के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि पार्टी अनुपम हाज़रा को उनके बयानों को पसंद नहीं कर रही थी। लेकिन सच क्या है, पश्चिम बंगाल के क्षेत्रीय मीडिया में बताया गया है कि अनुपम हाजरा ने हाल ही भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचरा के आरोप लगाए थे। जानिए पूरी कहानीः

पश्चिम बंगाल भाजपा नेता अनुपम हाजरा को पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पद से हटा दिया गया। यह घटनाक्रम तब हुआ जब पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई राजनीतिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए कोलकाता में थे। पूर्व लोकसभा सांसद हाजरा पिछले कुछ समय से राज्य में पार्टी की कार्यप्रणाली के आलोचक रहे हैं। उन्होंने बंगाल भाजपा के नेताओं पर फंड में हेराफेरी का आरोप लगाया था। राज्य का एक भाजपाई गुट उनके पीछे पड़ा था, इसलिए जब मंगलवार को अमित शाह कोलकाता में थे तो हाजरा के खिलाफ इन लोगों ने मोर्चा खोल दिया। अमित शाह के निर्देश पर जेपी नड्डा ने फौरन ही अनुपम हाजरा को हटा दिया। हटाने का पत्र पार्टी के संगठन का काम देखने वाले अरुण सिंह ने जारी किया।

क्या है पूरा मामला

रविवार, 24 दिसंबर को हाजरा तब विवादों में आ गए जब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पार्टी के नेताओं पर गीता पाठ के नाम पर फंड की हेराफेरी करने का आरोप लगाया। हाजरा ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि उनकी पार्टी के नेताओं ने कार्यक्रम के लिए पास 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से टिकट बेचे थे और इस मामले की जांच की मांग की। कोलकाता में लगभग एक लाख लोगों ने सामूहिक रूप से भगवद गीता के पवित्र श्लोकों का जाप किया भाजपा के इस कार्यक्रम में किया।  

मामला गंभीर क्यों हुआ

इस कार्यक्रम में दरअसल प्रधानमंत्री मोदी को पहुंचना था। उन्हें क्रिसमस पर कोलकाता में रहना था। लेकिन अनुपम हाजरा ने जैसे ही आरोप लगाए और पश्चिम बंगाल भाजपा में खलबली मच गई तो विवाद बढ़ने के कारण मोदी फिर कोलकाता गए ही नहीं और न ही इस कार्यक्रम में किसी भी रूप में शामिल हुए। टीएमसी ने इसे अब मुद्दा बना दिया। राज्य की सत्तारूढ़ टीएमसी ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों में अब कोई बंगाली कोई नहीं है।  

भाजपा नेता के आरोप गंभीर हैं

हाजरा ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, "कुछ वीआईपी लोगों के लिए गीता पाठ के लिए कुछ वीआईपी पास बनाए गए थे। इसे कुछ लोगों को देने के लिए बीजेपी के ब्लॉक स्तर के नेताओं को दिया गया था। हालांकि बीरभूम के नलहाटी में ये कार्ड 1000 रुपये में बेचे जा रहे हैं।" हाजरा ने फिर उसी को दोबारा पोस्ट करते हुए, इस कृत्य को 'ईशनिंदा' करार दिया और सवाल किया कि क्या "गीता पाठ" के नाम पर पैसा कमाने वाले असली हिंदू हैं।"

'हम कब तक भ्रष्टाचार मुक्त भाजपा के लिए चिल्लाएंगे'

हाजरा ने यह भी लिखा है- "अगर ये सच है तो ये घातक है! गीता पाठ में भी भ्रष्टाचार, क्या ये लोग हिंदू ही हैं? लेकिन चोरी और भ्रष्टाचार के सैकड़ों आरोपों के बावजूद अगर व्यक्ति संस्था के करीब है तो कोई बदलाव नहीं आएगा, उल्टा, कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। कौन जानता है कि हम कब तक भ्रष्टाचार मुक्त भाजपा के लिए चिल्लाते रहेंगे??" 

बहरहाल, हाजरा को पद से हटाने को पार्टी के भीतर असंतुष्टों के लिए संगठनात्मक अनुशासन पर कायम रहने और नेतृत्व की लाइन पर चलने के संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

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