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अमरिंदर की पेशकश पर बीजेपी ने कहा- उनसे गठबंधन को तैयार

अमरिंदर की पेशकश पर बीजेपी ने कहा- उनसे गठबंधन को तैयार

अगले कुछ महीने में होने वाले चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह क्या बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे? आख़िर कैप्टन और बीजेपी की क्या है रणनीति?

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक दिन पहले अपनी नयी पार्टी के गठन और बीजेपी से गठबंधन की जो पेशकश की थी उसके लिए बीजेपी ने भी हामी भर दी है। इस पर बीजेपी के पंजाब प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम का बयान आया है और उन्होंने कहा है कि पार्टी अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन के लिए तैयार है। हालाँकि, इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि इस पर आख़िरी फ़ैसला आलाकमान ही ले सकता है। 

पंजाब के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब इस्तीफ़े के बाद दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात की थी तभी से उनके बीजेपी के साथ आने के कयास लगाए जा रहे हैं। पहले तो कयास लगाया गया था कि कहीं वह बीजेपी में शामिल तो नहीं होंगे। लेकिन बाद में उन्होंने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया था और अपनी नयी पार्टी बनाने की घोषणा की थी। इसी बीच अमरिंदर सिंह का मंगलवार को बयान आया कि यदि किसान आंदोलन का समाधान हो जाए तो वह अपनी नयी पार्टी का बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते हैं।

अमरिंदर सिंह के इस दोस्ती के हाथ बढ़ाने के बाद अब भाजपा के पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम का बयान आया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, गौतम ने आज कहा है, 'हम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ गठबंधन के लिए तैयार हैं। गठबंधन के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं, हालाँकि केवल हमारा संसदीय बोर्ड ही निर्णय ले सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी हमेशा ऐसे संगठनों से हाथ मिलाने के लिए तैयार है जो राष्ट्रवादी हैं, देश के लिए और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

बता दें कि पहले ही ऐसी रिपोर्ट आई थी कि आरएसएस हाईकमान कैप्टन अमरिंदर सिंह के फौजी इतिहास और उनके पटियाला राजघराने से रिश्ते को अहम मानता है और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया घराने की तरह का सम्मान देता है। 

आरएसएस कैप्टन अमरिंदर को राष्ट्रवादी ताक़तों से जोड़ कर देखता है। रिपोर्ट आई थी कि इसीलिए पिछले दिनों संघ हाईकमान ने अपनी तरफ़ से साफ़ कर दिया कि उसे कैप्टन को बीजेपी के साथ जोड़ने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन अंतिम फ़ैसला बीजेपी नेताओं और कैप्टन को करना है। पहले जब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिद्धू के बीच घमासान चल रहा था तब अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को पाकिस्तान के साथ रिश्ता जोड़ने वाला बयान दिया था और इस पर बीजेपी नेताओं ने कैप्टन को राष्ट्रवादी नेता बताया था। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक दिन पहले ही यानी मंगलवार को बीजेपी को भी यही संकेत दिया।

अमरिंदर सिंह ने साफ़-साफ़ कहा है कि अगर किसानों का विरोध सुलझा लिया जाता है तो वह चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और अकाली समूहों के साथ सीट बंटवारे पर विचार करेंगे।

किसानों के मुद्दे को लेकर बीजेपी नेता गौतम ने कहा, 'किसान आज भी हमारे साथ हैं। हम पहले भी किसानों के कल्याण के लिए लड़ते रहे हैं। अमरिंदर सिंह भी किसानों के कल्याण के बारे में बात कर रहे हैं। हम एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि इस विरोध को कैसे हल किया जाए।'

उन्होंने कहा है कि अमरिंदर सिंह के साथ मतभेदों के बावजूद जब वह कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री थे तब भी उनकी चिंताएँ एक समान थीं। गौतम ने कहा, 'जब उन्होंने पंजाब के लोगों के कल्याण के ख़िलाफ़ बात की तो हमने उनका विरोध किया। लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा या सीमा सुरक्षा की बात आती है, तो हम उनकी प्रशंसा करते रहे। वह एक सैनिक रहे हैं। हमें विश्वास है कि वह एक अच्छे देशभक्त हैं।'

अमरिंदर सिंह की इस घोषणा पर कांग्रेस में भी प्रतिक्रिया हुई है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री परगट सिंह ने उन पर हमला बोला है। परगट सिंह ने कहा है कि उन्होंने यह पहले ही कहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की बीजेपी और अकाली दल के साथ मिलीभगत है और उनका एजेंडा बीजेपी से मिलता था। नवजोत सिंह सिद्धू के क़रीबी परगट सिंह लगातार कैप्टन का विरोध करते रहे थे। अमरिंदर के हटने के बाद परगट सिंह को चन्नी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 

वैसे, अमरिंदर सिंह बीजेपी व बिखरे हुए अकाली समूहों- ढींढसा और ब्रहमपुरा गुटों के साथ गठबंधन करते हैं तो पंजाब के चुनावी नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। लेकिन इसका असर कितना होगा और कांग्रेस को कितना नुक़सान होगा, इसका अंदाज़ा लगाना फ़िलहाल मुश्किल है।

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