गुंटूर: जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग, बीजेपी का प्रदर्शन
आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर में स्थित जिन्ना टावर का नाम बदले जाने की मांग को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने किया। पुलिस ने देवधर सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं की मांग है कि जिन्ना टावर का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा जाना चाहिए।
इस मांग को लेकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को गुंटूर शहर में मार्च निकाला। बीजेपी नेता सुनील देवधर ने कहा कि राज्य की वाईएस जगन रेड्डी सरकार अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण कर रही है।
पहले भी उठी मांग
जिन्ना टावर को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है और इस साल फरवरी में इससे तिरंगे में रंग दिया था। जिन्ना टावर आजादी से पहले 1940 में बना था और यह गुंटूर शहर में महात्मा गांधी रोड पर स्थित है। यह टावर पाकिस्तान को बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना के नाम पर बनाया गया है। इससे पहले भी कई बार जिन्ना टावर का नाम बदलने की मांग उठाई जा चुकी है।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि जो शख्स भारत के विभाजन का जिम्मेदार हो उसके नाम पर टावर का नाम नहीं होना चाहिए।
कुछ साल पहले गुंटूर की नगर पालिका ने नाम बदलने को लेकर फैसला ले लिया था लेकिन कई लोगों की आपत्ति के कारण फ़ैसले को वापस ले लिया गया।
गुंटूर शहर में मुसलमान और हिंदू समुदाय, दोनों की ही आबादी अच्छी-खासी है लेकिन यहां कभी भी सांप्रदायिक तनाव जैसी घटनाएं नहीं हुई है।
गुंटूर का नगर निगम ही जिन्ना टावर के रखरखाव का काम करता है। सड़क के बीचों-बीच में स्थित इस टावर सेंटर के आसपास पानी का फव्वारा और छोटा सा बाग भी बनाया गया है।
बीबीसी के मुताबिक़, एसएम लालजन बाशा 1942 में गुंटूर के विधायक थे। आज़ादी की लड़ाई के दौरान जब 'भारत छोड़ो आंदोलन' चल रहा था, तब बाशा ने गुंटूर में मोहम्मद अली जिन्ना की एक बड़ी रैली कराने की कोशिश की थी। लेकिन जिन्ना इस रैली में नहीं आ पाए थे। तब जिन्ना के सम्मान में इस टावर का निर्माण किया गया था।
काशी में ज्ञानवापी मस्जिद विवाद, ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खुलवाने की मांग, श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद, कुतुब मीनार का मामला अदालतों में पहुंचने के कारण देशभर का माहौल पहले से ही गर्म है।