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बीजेपी: मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान देने वाले तेजस्वी को बड़ी जिम्मेदारी क्यों?

बीजेपी: मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान देने वाले तेजस्वी को बड़ी जिम्मेदारी क्यों?

तेजस्वी मुसलमानों के ख़िलाफ़ दिए गए अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। 

जेपी नड्डा ने अपनी नई टीम की घोषणा में एक चौंकाने वाला नाम शामिल किया है। यह नाम है- बेंगलुरू दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या का। सूर्या को भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। तेजस्वी मुसलमानों के ख़िलाफ़ दिए गए अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। 

केवल 28 साल की उम्र में सांसद बन जाने वाले तेजस्वी सूर्या इस साल अप्रैल में तब चर्चा में आए थे जब उनके एक पुराने ट्वीट पर अरब जगत ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तारेक फतेह के हवाले से अरब की महिलाओं के यौन जीवन पर बेहद ही बेहूदा टिप्पणी की थी। 

पारंपरिक रूप से भारत के मित्र माने जाने वाले देश संयुक्त अरब अमीरात ने आधिकारिक रूप से इस ट्वीट पर विरोध जताया था और स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर को सफ़ाई देनी पड़ी थी। 

मोदी को देना पड़ा बयान 

इससे एक दिन पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक बयान जारी करना पड़ा था। इसमें उन्होंने कहा था, कोरोना का वायरस संक्रमण करने से पहले किसी नस्ल, धर्म, जाति, भाषा, रंग और देशों की सीमाओं को नहीं देखता है, इसलिए भाईचारे और एकता के दायरे में ही हमारा व्यवहार होना चाहिए। 

प्रधानमंत्री मोदी को यह बयान इसलिए जारी करना पड़ा था क्योंकि उन दिनों कोरोना संक्रमण के नाम पर दक्षिणपंथी संगठनों ने तब्लीग़ी जमात को निशाना बनाया था और इससे जुड़े लोगों को संक्रमण के लिए जिम्मेदार बताया था। इस बहाने पूरे मुसलिम समुदाय के लिए सोशल मीडिया पर बेहद ही अपमानजनक टिप्पणियां की गई थीं और कुछ न्यूज़ चैनलों ने भी मुसलमानों को कोरोना फैलाने का गुनहगार साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। 

पंक्चर वाला बताया था

बहरहाल, तेजस्वी सूर्या ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ और भी कई विवादित बयान दिए हैं। जब नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) का पूरे देश में ज़बरदस्त विरोध हो रहा था तो सूर्या ने कहा था कि सीएए-एनआरसी का विरोध 'पंक्चर बनाने वाले' करते हैं। 

मोदी जी, तेजस्वी सूर्या जैसों की जगह बीजेपी में क्यों है, देखिए, वीडियो- 

इसलाम पर टिप्पणी

तेजस्वी सूर्या ने सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर कहा था कि यदि बहुमत समुदाय चौकन्ना नहीं रहा तो 'मुग़ल राज' लौट आएगा। एक और ट्वीट में सूर्या ने कहा था कि आतंकवादियों का निश्चित रूप से धर्म होता है और ज़्यादातर मामलों में वह इसलाम होता है। 

 - Satya Hindi

बीजेपी जब 2018 में कर्नाटक के जयनगर उपचुनाव में कांग्रेस से हार गई थी तो तेजस्वी सूर्या ने कहा था कि मुसलमान वोटरों के एकजुट होने से ऐसा हुआ है और अब बीजेपी को सच्चे अर्थों में हिन्दू पार्टी बन जाना चाहिए। 

‘मोदी विरोधी-राष्ट्र विरोधी’

तेजस्वी सूर्या ने 2019 के मार्च में मोदी विरोधियों को राष्ट्र विरोधी क़रार दिया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सभी भारत-विरोधी ताक़तें मोदी को रोकने के लिए एकजुट हो गईं। तेजस्वी सूर्या ने कहा था, 'यदि आप मोदी के साथ हैं, आप देश के साथ हैं। यदि आप मोदी के साथ नहीं है, फिर आप भारत विरोधी ताक़तों को मजबूत कर रहे हैं।'

तेजस्वी अपने स्कूल के दिनों में आरएसएस की शाखा में जाया करते थे। कॉलेज से निकल कर तेजस्वी सूर्या कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत करने लगे लेकिन तुरंत ही वह भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़ गए और जल्द ही इसके प्रवक्ता बन गए। 

मक़सद क्या है

बीजेपी किसे क्या जिम्मेदारी देती है, यह उसका आतंरिक मामला है। लेकिन देश के अल्पसंख्यक समुदाय के सबसे बड़ी आबादी वाले वर्ग के लिए बेहूदा टिप्पणियां कर चुके शख़्स को मात्र 29 साल की उम्र में युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसी जिम्मेदारी मिलेगी तो इससे बीजेपी से जुड़ने वाले युवाओं में यही संदेश जाएगा कि इस तरह के बयान देने वालों को इतना बड़ा पद मिल सकता है तो उन्हें क्यों नहीं यही रास्ता अख़्तियार कर लेना चाहिए। ऐसे में तेजस्वी सूर्या को अपने पुराने बयानों के लिए मुसलिम समाज से माफी मांगनी चाहिए, वरना निश्चित रूप से बीजेपी से पूछा जाएगा कि इस तरह की भद्दी और गंदी बातें करने वाले व्यक्ति को सांसद बनाना और फिर इतना बड़ा पद देने के पीछे क्या मक़सद है

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