भारतीय जनता पार्टी के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ़ पप्पू भरतौल की बेटी साक्षी ने अपने पिता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें अपने पिता से ख़तरा है। साक्षी ने कुछ दिन पहले ही एक दलित युवक से शादी कर ली है। साक्षी ने पुलिस में मामला दर्ज़ कराया है और कहा है कि उन्हें और उनके पति को मिश्रा से ख़तरा है। उन्होंने सुरक्षा की माँग भी की है।
साक्षी ने वीडियो में कहा है कि उनके पिता ने अपने कुछ लोगों को भेज कर उन्हें और उनके ससुराल के लोगों को परेशान किया है। उन्होंने अपने पिता से अपील की है कि वह उनके ससुराल वालों को परेशान करना छोड़ दें, क्योंकि वे भी इन्सान हैं। साक्षी ने अपने पिता से कहा है कि वह आराम से राजनीति करें और उन्हें आराम से जीने दें। लेकिन इसके साथ ही साक्षी ने यह भी कहा है कि यदि उन्हें या उनके पति या ससुराल वालों को परेशान किया गया तो वह भी किसी को छोड़ेंगी नहीं।
बीजेपी विधायक की बेटी ने वीडियो में कहा है कि यदि उन्हें या उनके ससुराल के किसी आदमी को कुछ होता है तो इसके लिए पिता यानी राजेश मिश्रा ज़िम्मेदार होंगे।
राजेश मिश्रा उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के बिथरी चैनपुर के विधायक हैं। बरेली पुलिस ने कहा है कि साक्षी ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है। पुलिस ने यह भी कहा है कि साक्षी ने बीते गुरुवार को अजितेश कुमार नामक एक दलित व्यक्ति से विवाह कर लिया है। पुलिस ने इसकी पुष्टि भी की है कि साक्षी ने सीनियर पुलिस सुपिरिटेंडेंट से सुरक्षा की माँग की है।
साक्षी ने बरेली के सांसदों और विधायकों से अपील की है कि वे उसके पिता राजेश मिश्रा की मदद न करें। उसने कहा है कि उसके पिता ने अपने लोग भेजे हैं जो उसे और उसके पति को मार डालना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश के डीआईजी आर. के. पांडेय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस वीडियो की बात उनकी जानकारी में है। उन्होंने एसएसपी से कहा है कि इस जोड़े को पूरी सुरक्षा दी जाए। लेकिन इसमें दिक्क़त यह है कि साक्षी ने अपना पता नहीं बताया है, लिहाज़ा पुलिस उस तक कैसे पहुँचे और सुरक्षा कैसे दे, यह सवाल उठता है।
राजेश मिश्रा ने इस पर सफ़ाई देते हुए कहा है कि साक्षी बालिग हैं और उन्हें अपने फ़ैसले लेने का पूरा हक़ है। उन्होंने साक्षी या उनसेक ससुराल के किसी आदमी को किसी तरह की धमकी दिए जाने से इनकार किया है।
उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में दलित से विवाह अभी भी एक संवेदनशील मुद्दा है। ऐसे कई उदाहरण मिले हैं जब किसी सवर्ण युवती के किसी दलित या पिछड़े समाज के युवक से विवाह करने पर उसके साथ मारपीट की गई है, कुछ मामलों में हत्या तक कर दी गई है।
यह मामला अधिक संवेदनशील इसलिए है कि सुरक्षा की गुहार लगाने वाली महिला सत्तारूढ़ दल के विधायक की बेटी हैं। वह ख़ुद सवर्ण हैं और उन्होंने दलित युवक से विवाह किया है। इसका राजनीतिक नतीजा निकल सकता है, बीजेपी पर दलित विरोधी होने का आरोप लग सकता है। बहुजन समाज पार्टी समेत पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेर सकता है।