महाराष्ट्र: बीजेपी विधायक नितेश राणे का कोर्ट में सरेंडर, 2 दिन की पुलिस हिरासत
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे पर सिंधुदुर्ग पुलिस ने आखिरकार शिकंजा कस दिया। सिंधुदुर्ग सेशन कोर्ट में सरेंडर के लिए पहुंचे नितेश राणे को अदालत ने 2 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले नितेश राणे की जमानत की अर्जी सिंधुदुर्ग की सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी थी जिसके बाद राणे ने हाई कोर्ट जाने का फ़ैसला किया था, लेकिन बाद में उन्होंने हाईकोर्ट से अपनी जमानत की अर्जी वापस लेकर सिंधुदुर्ग अदालत में सरेंडर का फ़ैसला किया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी राणे को 10 दिन के अंदर अदालत के सामने सरेंडर करने का आदेश दिया था।
पिछले काफी समय से एक अदालत से दूसरी अदालत के चक्कर लगाने वाले बीजेपी विधायक और केंद्रीय मंत्री के बेटे नितेश राणे आखिरकार फंस ही गए। नितेश राणे ने अपने आपको चारों तरफ से घिरता हुआ देख यह ताज़ा क़दम उठाया है।
दरअसल, नितेश राणे पर शिवसेना के एक कार्यकर्ता ने हत्या की कोशिश का मामला दर्ज करवाया था जिसमें सिंधुदुर्ग पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। नितेश राणे के वकील सतीश माने शिंदे ने सिंधुदुर्ग अदालत में राणे का पक्ष रखते हुए कहा था कि शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब की शिवसेना नेताओं से मिलीभगत है और उन पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।
माने शिंदे ने अदालत के सामने एक बार फिर से कहा कि नितेश राणे एक विधायक हैं और वह पिछले काफी समय से सरकार को घेरे हुए हैं जिसके चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। हालाँकि सरकारी वकील प्रदीप घरात ने नितेश राणे के वकील की दलीलों पर कहा कि सिंधुदुर्ग पुलिस के पास नितेश राणे की फोन की वह रिकॉर्डिंग मौजूद है जिसमें वह संतोष परब पर हमला करने के लिए अपने कार्यकर्ता को बोल रहे हैं।
सरकारी वकील ने दलील दी थी कि मोबाइल टावर की लोकेशन से भी यह साफ़ होता है कि जिस समय शिवसेना के इस कार्यकर्ता पर हमला हुआ था उस समय नितेश राणे उसी इलाक़े में मौजूद थे।
सिंधुदुर्ग सेशन कोर्ट ने फ़ैसले में कहा कि पुलिस द्वारा अदालत में मुहैया कराए गए सबूतों से यह साफ़ होता है कि जिस दिन संतोष परब पर जानलेवा हमला किया गया था उस समय नितेश राणे ना केवल उसी इलाके में घूम रहे थे बल्कि उन लोगों के संपर्क में भी थे जिन्होंने परब पर हमला किया था। इसके बाद जज आर बी रोटे ने नितेश राणे की जमानत की अर्जी खारिज कर दी।
क्या है मामला?
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव प्रचार के दौरान शिवसेना के स्थानीय कार्यकर्ता संतोष परब पर जानलेवा हमला हुआ था। संतोष परब ने विधायक नितेश राणे और उनके सहयोगियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करवाया था। परब ने नितेश पर आरोप लगाया था कि वह अपनी मोटरसाइकिल से कहीं जा रहा था, तभी इनोवा कार में सवार नितेश राणे ने उसको टक्कर मार दी। परब ने यह भी कहा कि उसके बाद उसे जान से मारने का भी प्रयास किया गया।
इसके बाद सिंधुदुर्ग पुलिस ने नितेश राणे का बयान भी दर्ज किया था। नितेश राणे ने आरोप लगाया था कि शिवसेना के बड़े नेताओं के इशारे पर पुलिस उनको गिरफ्तार करना चाहती है।
इससे पहले राणे के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने भी कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा के सत्र के दौरान 23 दिसंबर 2021 को विधान भवन के बाहर नितेश राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पर कुछ टिप्पणी की थी जिसके बाद उन्हें बेवजह फर्जी मामले में गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नितेश राणे के वकीलों की दलीलों को दरकिनार करते हुए उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी।
बता दें कि बीजेपी विधायक नितेश राणे के ख़िलाफ़ सिंधुदुर्ग के कणकवली पुलिस स्टेशन में धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था।