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बारामती: शरद पवार को उनके गढ़ में टक्कर दे पाएगी बीजेपी?

बारामती: शरद पवार को उनके गढ़ में टक्कर दे पाएगी बीजेपी?

बीजेपी की कोशिश शरद पवार को स्थानीय राजनीति में उलझाए रखने की है। लेकिन क्या वह ऐसा कर पाएगी? 

महाराष्ट्र में शिवसेना में बड़ी सेंध लगाने वाली बीजेपी एनसीपी मुखिया शरद पवार के लोकसभा क्षेत्र बारामती में जीत हासिल करना चाहती है। कुछ दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुंबई पहुंचे थे और महाराष्ट्र बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक में उन्होंने पार्टी नेताओं को आक्रामक ढंग से चुनावी तैयारियों में जुटने के लिए कहा था। शाह ने बीजेपी नेताओं को महाराष्ट्र की 48 में से 45 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया था और इसमें से 16 सीटों को कठिन सीटों की श्रेणी में रखा था। इनमें से बारामती भी एक है। 

बारामती से वर्तमान में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं। क्योंकि शरद पवार राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता के एक बड़े चेहरे हैं और महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार बनाने में उनकी अहम भूमिका रही थी इसलिए शायद बीजेपी पवार को दबाव में लाना चाहती है। 

बताना होगा कि बीजेपी ने देश भर में 144 लोकसभा सीटों की पहचान की है, जहां वह कमजोर है और पिछले चुनाव में उसे यहां शिकस्त मिली थी। इन सभी सीटों पर मोदी सरकार के मंत्री प्रवास के तहत जाएंगे और कार्यकर्ताओं को चुनाव की तैयारियों में जुटने के लिए एकजुट करेंगे। 

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मंत्रियों, पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को चुनाव में फिर से सरकार बनाने और पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। 

निर्मला भी आएंगी

महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले मंगलवार को बारामती संसदीय क्षेत्र के दौरे पर रहे जहां उन्होंने कई बैठकों में हिस्सा लिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से बात की। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी बारामती पहुंचे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी अगले कुछ महीनों में कई बार बारामती का दौरा करेंगी। इससे समझा जा सकता है कि बारामती के लिए बीजेपी का क्या लक्ष्य है। 

महा विकास आघाडी सरकार गिरने के बाद कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के उद्धव गुट को झटका जरूर लगा है और इन पार्टियों के लिए जल्द होने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी के चुनाव एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने हैं। 

बीजेपी को इस बात की उम्मीद है कि जिस तरह उसने गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हरा दिया, कुछ ऐसा ही वह बारामती में भी कर सकती है।

लेकिन बारामती के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग शरद पवार और उनके परिवार को नहीं छोड़ना चाहते। शरद पवार बारामती से 1991 से लेकर 2009 तक लगातार जीतते रहे हैं और उसके बाद सुप्रिया सुले इस सीट को जीतती रही हैं। 

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि बीजेपी एनसीपी के इस गढ़ में लड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक देगी। जबकि महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि बारामती के लोगों को शरद पवार से अलग करना असंभव है और आने वाले चुनाव में भी यहां से पवार के परिवार को भी जीत मिलेगी। 

 - Satya Hindi

पवार को उलझाने की कोशिश

सियासी जानकारों के मुताबिक, बीजेपी की कोशिश शरद पवार को स्थानीय राजनीति में उलझाए रखने की है। बारामती लोकसभा सीट की 6 में से 2 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। यानी इस लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी की भी उपस्थिति है और अब वह यहां आक्रामक चुनाव प्रचार कर शरद पवार को बारामती से बाहर नहीं निकलने देना चाहती। 

हालांकि अभी असली शिवसेना किसकी है और महाराष्ट्र में सरकार की स्थिरता से जुड़े कई मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है, इसलिए चुनाव आयोग और अदालतों के फैसले के बाद महाराष्ट्र की सियासी तस्वीर साफ होगी। लेकिन 2024 में बारामती में बीजेपी और एनसीपी के बीच जोरदार टक्कर हो सकती है।

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