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एमसीडी चुनाव: नकारात्मक प्रचार क्यों कर रही है बीजेपी?

एमसीडी चुनाव: नकारात्मक प्रचार क्यों कर रही है बीजेपी?

15 साल तक एमसीडी की सत्ता में रहने के बाद बीजेपी अपने कामों को जनता के सामने रखकर अपने उम्मीदवारों के लिए वोट क्यों नहीं मांग रही है, बजाए इसके कि वह आम आदमी पार्टी के खिलाफ नकारात्मक प्रचार अभियान चला रही है। 

दिल्ली में इन दिनों एमसीडी के चुनाव को लेकर जबरदस्त गहमागहमी है। इस चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे का मुकाबला है। बीजेपी ने बीते कुछ दिनों में एक के बाद एक दो पोस्टर जारी कर आम आदमी पार्टी को निशाने पर लिया है।

गुरुवार को जारी किए गए ताजा पोस्टर में बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत और सत्येंद्र जैन, विधायक अमानतुल्लाह खान और दुर्गेश पाठक को दिल्ली का ठग बताया है। 

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा है कि शराब के ठग मनीष सिसोदिया, हवाला और तिहाड़ के ठग सत्येंद्र जैन, तुष्टिकरण के ठग अमानतुल्लाह खान, टिकट के ठग दुर्गेश पाठक, घोटाले के ठग कैलाश गहलोत और इन सब के महाठग अरविंद केजरीवाल हैं। 

कुछ दिन पहले बीजेपी ने एक फिल्मी पोस्टर जारी किया था और उसमें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुलेट बाइक पर बैठा हुआ दिखाया गया था। बीजेपी ने इस पोस्टर का शीर्षक लुटेरा रखा था और कहा था कि इसके निर्देशक अरविंद केजरीवाल हैं और इस फिल्म का प्रोडक्शन महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने किया है। सुकेश चंद्रशेखर की चिट्ठियों को लेकर भी बीजेपी लगातार नकारात्मक प्रचार का सहारा ले रही है। 

अब ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी आखिर नेगेटिव कैंपेनिंग या नकारात्मक प्रचार अभियान क्यों चला रही है। बीजेपी 15 साल तक लगातार एमसीडी की सत्ता में रही है और अब उसे अपने काम के आधार पर चुनाव मैदान में उतरना चाहिए। लेकिन ऐसा करने के बजाय वह नकारात्मक प्रचार अभियान के रास्ते पर चल पड़ी है। 

2017 में जब एमसीडी के 272 वार्डों में चुनाव हुआ था तो बीजेपी को 181 वार्डों में जीत मिली थी जबकि आम आदमी पार्टी को 48, कांग्रेस को 30 और अन्य को 11 वार्डों पर जीत मिली थी। 

साल 2012 तक दिल्ली में एकीकृत नगर निगम था लेकिन दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने इसे उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी नगर निगमों में बांट दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने इसे फिर से एक कर दिया है और वार्डों के परिसीमन के बाद अब एमसीडी में 250 वार्ड बनाए गए हैं।

केजरीवाल की 10 गारंटियां

एमसीडी चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए 10 गारंटियों का ऐलान किया है। इन गारंटियों में कूड़े के पहाड़ ख़त्म करना, दिल्ली को साफ करना, पार्किंग समस्या को ख़त्म करना आदि शामिल हैं। 

बीजेपी ने गिनाए घोटाले

अरविंद केजरीवाल के द्वारा 10 गारंटियों के जवाब में दिल्ली बीजेपी ने उन पर घोटाले करने के आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड में घोटाला हुआ है। आबकारी नीति में हुई कथित गड़बड़ियों को लेकर बीजेपी दिल्ली में पहले से ही आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। इसके अलावा बीजेपी ने दिल्ली में डीटीसी घोटाला, क्लासरूम घोटाला, वक्फ बोर्ड घोटाला, हवाला कांड घोटाला, ऑक्सीजन घोटाला और राशन घोटाले को सामने रखा है। 

 - Satya Hindi

काम गिनाए बीजेपी 

दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी एमसीडी के चुनाव को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी से पूछा है कि वह 15 साल तक एमसीडी में रहने के बाद भी अपने कोई पांच काम, जो उसने दिल्ली की जनता के लिए किए हैं उन्हें गिना दे। आम आदमी पार्टी बीजेपी से उसके काम के बारे में सवाल कर रही है लेकिन बीजेपी इस बारे में जवाब देने के बजाए दूसरी किस्म की राजनीति कर रही है। 

केंद्र में बीजेपी की सरकार है, दिल्ली में सातों सांसद बीजेपी के हैं और 15 साल तक वह लगातार एमसीडी की सत्ता में रही है, बावजूद इसके उसे आम आदमी पार्टी से साल 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। 70 सीटों वाली दिल्ली की विधानसभा में बीजेपी को 2015 में 3 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 2020 में 8 सीटों पर। ऐसे में शायद बीजेपी को इस बात का डर है कि वह आम आदमी पार्टी को चुनाव मैदान में नहीं पिछाड़ पाएगी और इसलिए वह एमसीडी के चुनाव में आए दिन एक के बाद एक पोस्टर जारी करके ऐसा चुनाव अभियान चला रही है जिसे नकारात्मक कहा जा सकता है। 

दिल्ली देश की राजधानी है और यहां होने वाले विधानसभा और एमसीडी के चुनाव पर लगभग आधे हिंदुस्तान की नजर रहती है। एमसीडी की सत्ता में काबिज होने के लिए निश्चित रूप से आम आदमी और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला है। 2017 के एमसीडी चुनाव में हालांकि आम आदमी पार्टी को शिकस्त मिली थी लेकिन इस बार उसने कहा है कि वह बीजेपी को चुनाव नहीं जीतने देगी। 

अंत में सवाल यही है कि क्या बीजेपी अपने नकारात्मक प्रचार अभियान को जारी रखेगी या इसे छोड़ कर 15 साल तक एमसीडी की सत्ता में रहने के बाद अपने कामों को जनता के सामने रखकर अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेगी, इसका पता आने वाले कुछ दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान चलेगा। 

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