उत्तर भारत के बीजेपी नेताओं ने गलत इरादे से अफवाहें फैलाईंः स्टालिन
तमिलनाडु के सीएम एम.के. स्टालिन ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला है। स्टालिन ने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों के बीजेपी नेताओं ने गलत इरादे से प्रवासी मजदूरों पर तमिलनाडु में हमले के बारे में अफवाह फैलाई थी।
स्टालिन ने गुरुवार को 'उनगलिल ओरुवन' कार्यक्रम के तहत कई सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जैसे ही मैंने बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन की जरुरत के बारे में बात की, फौरन तमिलनाडु के बारे में अफवाहें फैलनी शुरू हो गईं।
स्टालिन ने कहा - तमिलनाडु में विभिन्न राज्यों के लोग लंबी अवधि से रह रहे हैं। वे कभी भी ऐसी घटनाओं से प्रभावित नहीं हुए। पिछले कुछ वर्षों से, कई लोग रोजगार की तलाश में तमिलनाडु आ रहे हैं। कुछ लोगों ने फर्जी वीडियो बनाए और झूठी खबरें फैलाईं। उत्तर भारतीय राज्यों के बीजेपी नेताओं ने गलत इरादे से ऐसा किया। अगर आप फेक न्यूज फैलाने वालों के पीछे की साजिश को समझेंगे तो पाएंगे कि यह अगले ही दिन किया गया था, जब मैंने बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर के गठबंधन की आवश्यकता के बारे में बात की। स्टालिन से आज इस संबंध में सवाल किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और बिहार से आए प्रतिनिधि पूरी संतुष्टि के साथ लौटे हैं। मैंने फर्जी खबर के बारे में पूछताछ की। यहां तक कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार से भी बात की। तमिलनाडु में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। डीजीपी ने स्पष्टीकरण दिया है। यहां तक कि बिहार के प्रतिनिधियों ने भी राज्य का दौरा किया और पूरी संतुष्टि के साथ लौटे। तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जो लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। तमिलनाडु तमिल एकता और भाईचारे से प्यार करता है।
बता दें कि इस मुद्दे पर जांच के लिए बालमुरुगन आईएएस के नेतृत्व में बिहार की एक टीम ने मामले का जायजा लेने के लिए तमिलनाडु का दौरा किया था। इस टीम ने रविवार को तिरुपुर का दौरा किया था और मामले में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। बिहार सरकार के अधिकारियों ने मंगलवार को चेन्नई में बिहार के प्रवासी श्रमिकों के साथ बातचीत की।
हाल ही में राज्यपाल को लेकर उठे विवाद पर स्टालिन ने सवाल के जवाब में कहा- राज्यपालों के पास सिर्फ मुंह होता है, कान नहीं। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से जब पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने हाल ही में कहा है कि राज्यपाल को राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में नहीं उतरना चाहिए।