राजस्थान की सरकारी संस्था राजस्थान राज्य खेल परिषद (आरएसएससी) ने सवाई मान सिंह (एसएमएस) स्टेडियम क्रिकेट मैदान के साथ-साथ राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) दफ्तर और इसकी अकादमी को सील कर दिया। आरएसएससी सचिव सोहन राम चौधरी ने शुक्रवार (23 फरवरी) को आरसीए को उपरोक्त संपत्ति परिषद को सौंपने के लिए एक नोटिस भेजा था, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो आरसीए ने पूरी जगह को सील कर दिया। राज्य में आईपीएल की सीरीज के तहत मैच होने हैं, लेकिन उससे पहले आरसीए पर सरकार की ओर से कार्रवाई की गई है। आरसीए के अध्यक्ष वैभग गहलोत हैं, जो राज्य के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे हैं। राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराकर भाजपा सत्ता में आई है।
राज्य क्रिकेट संघ ने इस महीने की शुरुआत में समझौता ज्ञापन (एमओयू) के नवीनीकरण के संबंध में आरएसएससी को एक पत्र भेजा था, लेकिन आरएसएससी ने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया। एमओयू के तहत, राज्य क्रिकेट संघ को नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के साथ-साथ एसएमएस क्रिकेट मैदान का इस्तेमाल करने की अनुमति मिली हुई है जो RSSC से संबंधित है। इसका पांच साल का कार्यकाल बुधवार (21 फरवरी) को समाप्त हो गया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पता चला है कि आरएसएससी सचिव ने 19 फरवरी को आरसीए अधिकारियों को एक पत्र भेजा था जिसमें उन्होंने क्रिकेट संस्था द्वारा एमओयू की शर्तों का पालन करने में विफल रहने और कई मौकों पर भुगतान नहीं करने का उल्लेख किया था। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि आरसीए 5 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। कथित तौर पर यही कारण बना कि खेल परिषद ने एमओयू को नवीनीकृत नहीं किया।
आरसीए के जवाब का इंतजार किए बिना राजस्थान की रजिस्ट्रार (सोसाइटीज) अर्चना सिंह ने मामले की जांच के लिए अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रसंस्करण) जितेंद्र प्रसाद शर्मा को नियुक्त कर दिया। यह सारी कार्रवाई आननफानन में की गई। हालांकि आरसीए को नोटिस दिया गया तो उसे हफ्ते या दस दिनों तक जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए था। लेकिन इस घटनाक्रम से लग रहा है कि सरकार जल्दी में है।
नियुक्ति के फौरन शर्मा ने पत्र भी जारी कर दिया। जो इस तरह है- "जांच 29 फरवरी को की जाएगी और सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध है कि वे अपना जवाब लिखित रूप में दें...।" यह पत्र आरसीए सचिव भवानी शंकर समोता, अध्यक्ष वैभव गहलोत के साथ उपाध्यक्ष शक्ति सिंह राठौड़ एवं कोषाध्यक्ष रामपाल शर्मा को 22 फरवरी को भेजा गया। यानी उधर रजिस्ट्रार को जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता है और वो फौरन ही जांच की तारीख भी तय कर देते हैं।
आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत का भी यही कहना है कि राज्य खेल परिषद को संपत्ति उन्हें सौंपने के लिए कुछ समय देना चाहिए था. उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें पर्याप्त समय दिए बिना नोटिस चिपका दिया। आमतौर पर किसी भी पक्ष को परिसर सौंपने से पहले सात या 15 दिन की अवधि दी जाती है, लेकिन उन्होंने इस पर भी विचार नहीं किया।" बता दें कि यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब आरसीए राज्य में होने वाले आईपीएल मैचों की तैयारी में जुटा हुआ है।