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विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के चार राज्यों के चुनाव प्रभारी नियुक्त

विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के चार राज्यों के चुनाव प्रभारी नियुक्त

लोकसभा चुनाव ख़त्म होते ही बीजेपी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। जानिए, महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू कश्मीर के लिए पार्टी ने क्या बड़ा फ़ैसला किया।

भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के साथ ही जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रभारी नियुक्त किये। कुछ राज्यों में लोकसभा चुनावों में करारी हार झेलने वाली बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को महाराष्ट्र का राज्य चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हरियाणा में पार्टी का चुनाव अभियान संभालेंगे, जबकि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है। जम्मू-कश्मीर के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर से पहले चुनाव कराने का निर्देश दिया है और यहाँ के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को लगाया है।

पार्टी ने इन राज्यों के लिए सह-प्रभारी भी नियुक्त किए हैं। महाराष्ट्र के लिए अश्विनी वैष्णव, हरियाणा के लिए बिप्लब कुमार देब और झारखंड के लिए हिमंत बिस्वा सरमा को नियुक्त किया गया है।

पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में राज्य प्रभारी के तौर पर यादव और वैष्णव ने सफल कार्यकाल पूरा किया था और सत्ता विरोधी लहर के बावजूद पार्टी को सफलता की ओर ले जाने का श्रेय उन्हें दिया गया था। यादव ओडिशा में भी चुनावों को संभाल रहे थे, जहां भाजपा ने पांच कार्यकाल के बाद सत्ता में रहने के बाद बीजू जनता दल को बाहर करके इतिहास रच दिया। 

हरियाणा में भाजपा ने 10 में से पांच सीटें खो दीं। यहाँ पार्टी प्रमुख जाति समूहों से समर्थन खोने को लेकर चिंतित है और प्रभावशाली जाट समुदाय पर नजर गड़ाए हुए है। ओडिशा के संबलपुर से लोकसभा चुनाव जीतने वाले धर्मेंद्र प्रधान ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में चुनाव संभाला है। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब भी इस मामले में अनुभवी नेता हैं। राज्य में 3 नवंबर तक चुनाव होने हैं।

महाराष्ट्र और हरियाणा में हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा है। महाराष्ट्र में जहां एनडीए में भाजपा, एनसीपी (अजित पवार) और शिवसेना शामिल थे, गठबंधन ने 48 में से सिर्फ 18 सीटें जीतीं। विपक्ष के महा विकास अघाड़ी ने 30 सीटें जीतीं। 13 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे ज्यादा फायदे में रही, जबकि भाजपा की संख्या 2019 में 23 से घटकर नौ हो गई और उसका वोट शेयर एमवीए के 43.71% के मुकाबले 43.55% रहा।

2019 में भाजपा ने 288 में से 105 सीटें जीतीं और शिवसेना के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई। सत्ता के बंटवारे को लेकर मतभेद के कारण गठबंधन टूट गया और शिवसेना एमवीए में शामिल हो गई। जून 2022 में शिवसेना के अलग होने के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट एनडीए में शामिल हो गया और उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सदन का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।

जम्मू-कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सितंबर तक चुनाव कराए जाने हैं। यहाँ के लिए पार्टी ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को झारखंड का प्रभार दिया गया है। यहां पार्टी ने कुल 14 सीटों में से केवल आठ सीटें जीतीं, जो 2019 में 11 से कम है। पार्टी राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव भी हार गई थी।

 

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