डीएमके नेता के बयान पर बवाल, बीजेपी का हमला, कांग्रेस ने किया किनारा
डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा के एक विवादित बयान से राजनीतिक बवाल मच गया है। उन्होंने कहा है कि भारत पारंपरिक रूप से एक भाषा, एक संस्कृति और एक परंपरा वाला देश नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक देश नहीं, बल्कि एक उपमहाद्वीप है। इसके साथ ही उन्होंने 'जय श्री राम' और 'भारत माता' को लेकर भी ऐसा बयान दिया है जिसको बीजेपी ने उत्तर भारत में बड़ा मुद्दा बना दिया है।
उनका यह बयान कुछ दिन पहले का है, लेकिन अब सामने आया है। 1 मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का जन्मदिन मनाने के लिए कोयंबटूर में एक समारोह को ए राजा संबोधित कर रहे थे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार के दोषियों के रिहा होने पर उनके समर्थकों द्वारा 'जय श्री राम' का नारा लगाने का जिक्र करते हुए राजा ने कहा, "आप जिस भगवान के बारे में बात कर रहे थे, यदि यह आपका 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' है तो हम आपके 'जय श्री राम' और 'भारत माता' को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। तमिलनाडु इसे स्वीकार नहीं कर सकता। तुम जाकर सबको बता दो कि हम राम के शत्रु हैं।"
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'एक देश का मतलब एक भाषा, एक संस्कृति, एक परंपरा है। भारत एक देश नहीं बल्कि एक उपमहाद्वीप है। यहाँ, तमिलनाडु एक देश है, जिसकी एक भाषा और एक संस्कृति है। मलयालम एक अन्य भाषा और संस्कृति है... उन सभी को एक साथ रखने से ही भारत बना है - इससे भारत एक उपमहाद्वीप बनता है, एक देश नहीं।'
ए राजा की इस टिप्पणी की चौतरफा आलोचना हुई। बीजेपी के साथ ही कांग्रेस और आरजेडी जैसे दलों ने उनके बयान की आलोचना की। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ये लोग सनातन संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। एएनआई से गिरिराज सिंह ने कहा, 'INDI गठबंधन में ए राजा हों, लालू यादव हों या राहुल गांधी हों, ये लोग सनातन संस्कृति को खत्म करना चाहते हैं इसलिए ए राजा हनुमान जी को बंदर कहते हैं, हनुमान जी की ताकत ऐसी होगी कि उनकी गदा से इनका नाश हो जाएगा।'
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने 'एक्स' पर कहा, 'डीएमके के गुट से नफरत भरे भाषण लगातार जारी हैं। उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को नष्ट करने के आह्वान के बाद अब यह ए राजा हैं जो भारत के विभाजन का आह्वान कर रहे हैं, भगवान राम का उपहास उड़ाते हैं, मणिपुरियों पर अपमानजनक टिप्पणियाँ करते हैं और एक राष्ट्र के रूप में भारत के विचार पर सवाल उठाते हैं...।'
The hate speeches from DMK’s stable continue unabated. After Udhayanidhi Stalin’s call to annihilate Sanatan Dharma, it is now A Raja who calls for balkanisation of India, derides Bhagwan Ram, makes disparaging comments on Manipuris and questions the idea of India, as a nation.… pic.twitter.com/jgC1iOA5Ue
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) March 5, 2024
आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह राजा का निजी बयान है, इंडिया गठबंधन का नहीं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने उनके बयान की निंदा की और कहा, 'मुझे लगता है कि लोगों को बात करते समय संयम बरतना चाहिए... राम सबके हैं और जिंदगी जीने के आदर्श हैं।'
ए राजा का भाषण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डीएमके पर हमले के कुछ दिनों के भीतर आया है। मोदी ने चुनाव के बाद द्रविड़ पार्टी के अंत की भविष्यवाणी की थी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ए राजा ने कहा कि जब तक भारत रहेगा तब तक डीएमके अस्तित्व में रहेगी। उन्होंने कहा, 'आपने कहा है कि चुनाव के बाद डीएमके का अस्तित्व नहीं रहेगा। यदि चुनाव के बाद डीएमके वहां नहीं है तो भारत भी वहां नहीं होगा। उसे याद रखो! क्या आप शब्दों से खेल रहे हैं?'
राजा ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का जिक्र करते हुए कहा, 'मैं यह क्यों कह रहा हूँ कि भारत यहां नहीं रहेगा? क्योंकि अगर आप सत्ता में लौटे तो भारत यहां नहीं होगा, क्योंकि भारतीय संविधान यहां नहीं होगा। यदि भारत का अस्तित्व नहीं रहा तो तमिलनाडु एक अलग इकाई बन जाएगा। क्या हम उस परिदृश्य की कामना करते हैं?'
उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं और कई संस्कृतियों वाली भूमि है। उन्होंने कहा, 'यदि आप तमिलनाडु आते हैं, तो वहां एक ही संस्कृति है। केरल की एक अलग, दिल्ली और ओडिशा की एक अलग संस्कृति है। मणिपुरी लोग कुत्ते का मांस खाते हैं, यह एक अलग संस्कृति है। हाँ। यही उनकी संस्कृति है। पानी की टंकी से पानी आता है। यही पानी रसोई और शौचालय में जाता है। हम रसोई के लिए शौचालय से पानी नहीं लेते। क्यों? इसी तरह हम अंतर को स्वीकार करते हैं। मतभेदों और विविधताओं को स्वीकार करें। जब कश्मीर की संस्कृति है तो उसे स्वीकार करें। जब मणिपुरी कुत्ते का मांस खाते हैं, तो इसे स्वीकार करें। यदि एक समुदाय गोमांस खा रहा है (इसका) मतलब उसे भी स्वीकार करना है। आपकी समस्या क्या है? इसलिए विविधता में एकता ही भारत के लिए मायने रखती है। इस देश में विविधताओं को स्वीकार करें।'