पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के लिए इस बार चुनावी लड़ाई मुश्किल हो सकती है। पार्टी ने इस बार 11 वर्तमान विधायकों का टिकट काट दिया है। इस वजह से इनके विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी को मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कांगड़ा सदर और जोगिंदर नगर सीट पर कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को टिकट देने की वजह से भी जबरदस्त नाराजगी है। टिकट न मिलने की वजह से बीजेपी के 16 व कांग्रेस के 13 नेता अपने दम पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग होनी है और इस लिहाज से कुछ ही दिन का वक्त चुनाव प्रचार के लिए बचा है। हालांकि पिछले दिनों में बीजेपी नेतृत्व ने तमाम बागी नेताओं को मनाने की कोशिश की है लेकिन उसे खास सफलता नहीं मिली है।
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 11 सिटिंग विधायकों में से 7 विधायक ऐसे हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी हैं। बीजेपी ने इस बार प्रेम कुमार धूमल को भी चुनाव मैदान में नहीं उतारा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के ससुर गुलाब सिंह ठाकुर को भी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया है।
कम से कम 16 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां बीजेपी को अपने नेताओं के असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। यह सीटें झंडुता, रोहड़ू, बड़सर, चंबा, इंदौरा, धर्मशाला, बिलासपुर सदर, मंडी सदर, सुंदरनगर, नालागढ़, किन्नौर, फतेहपुर, बंजार और कुल्लू आदि हैं।
दूसरी ओर, कांग्रेस को भी 13 सीटों पर पार्टी नेताओं की बगावत का सामना करना पड़ रहा है। इनमें करसोग, जयसिंहपुर, अर्की, जोगिंदर नगर, नाचन, आनी, ठियोग, झंडुता, बिलासपुर, चौपाल, सुलह, चिंतपूर्णी और पछड़ आदि शामिल हैं।
हिमाचल बीजेपी में गुटबाजी
कांग्रेस की तरह ही हिमाचल प्रदेश बीजेपी में भी जबरदस्त गुटबाजी है। हिमाचल बीजेपी में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के खेमे साफ-साफ आमने-सामने दिखाई देते हैं। प्रेम कुमार धूमल के बेटे और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी अगर सत्ता में आती है तो जयराम ठाकुर पर ही दांव लगाएगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से आते हैं, ऐसे में टिकट बंटवारे में इन तमाम नेताओं के समर्थक आमने-सामने दिखाई दिए और जिन्हें टिकट नहीं मिला, ऐसे नेता चुनाव मैदान में कूद गए। इन्हें मना पाना पार्टी नेतृत्व के लिए आसान नहीं होगा।
ये हैं असंतुष्ट नेता
बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं में नालागढ़ से केएल ठाकुर, आनी से किशोरी लाल, सुंदर नगर से अभिषेक ठाकुर, मंडी से प्रवीण शर्मा, बंजार से हितेश्वर और विभा सिंह, धर्मशाला से विपिन नैहरिया और अनिल चौधरी, बड़सर से संजीव शर्मा आदि हैं। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की बात करें तो चौपाल से सुभाष मंगलेट, बिलासपुर से तिलक राज, आनी से परस राम, जयसिंहपुर से सुशील कौल, इंदौरा से कमल किशोर, जोगिंदर नगर से संजीव भंडारी, अर्की से राजेंद्र ठाकुर आदि नेताओं के नाम शामिल हैं।
बीजेपी की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं को मना रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और प्रचार कमेटी के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्य में कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला भी असंतुष्ट नेताओं को मनाने के काम में जुटे हैं।
हिमाचल प्रदेश में नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले कुछ दिनों में बीजेपी और कांग्रेस कितने नेताओं को चुनाव मैदान से हटने के लिए राजी कर पाते हैं।