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तीनों राज्यों में सीएम नहीं तय कर पाई बीजेपी, अब ऑब्जर्वर नियुक्त

तीनों राज्यों में सीएम नहीं तय कर पाई बीजेपी, अब ऑब्जर्वर नियुक्त

बीजेपी के आलाकमान भी लगातार बैठकों के बाद भी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सीएम का नाम तय नहीं कर पाए। जानिए, अब तीनों राज्यों के लिए कौन ऑब्जर्वर नियुक्ति किए गए।

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सीएम तय करने में बीजेपी मुश्किल में हैं। चुनाव नतीजे आने के पाँच दिन बाद भी बीजेपी इन राज्यों में सीएम पद तय नहीं कर पायी है, जबकि तेलंगाना और मिज़ोरम में नये मुख्यमंत्रियों ने शपथ लेकर काम भी शुरू कर दिया है। तीनों राज्यों में सीएम के नाम घोषित करने के भारी दबाव का सामना कर रही बीजेपी ने अब नौ पर्यवेक्षकों की घोषणा की है।

यानी रविवार को जीते गए तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़- के लिए मुख्यमंत्रियों के चयन में तीन केंद्रीय मंत्री सहित नौ पर्यवेक्षक मदद करेंगे। पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और राज्यसभा सांसद सरोज पांडे को राजस्थान भेजा जाएगा। राजस्थान में सीएम पद को लेकर काफी ज़्यादा अटकलें लग रही हैं।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के दो सदस्यों के लक्ष्मण और आशा लाखरा को मध्य प्रदेश भेजा जाएगा।

कृषि और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, बंदरगाह और जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम छत्तीसगढ़ के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। ये सभी पर्यवेक्षक नवनिर्वाचित विधायकों की बैठकों की निगरानी करेंगे, जो तीनों राज्यों में से प्रत्येक में उम्मीदवारों का चयन करेंगे जिन्हें पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा अनुमोदित किया जाएगा।

तीनों राज्यों में से सबसे ज़्यादा राजस्थान का मामला भाजपा के गले की फाँस बन गया है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद अचानक ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम पर भी कयास लगाए जा रहे हैं। 

राजस्थान से आ रही खबरों में कहा गया है कि वसुंधरा समर्थक कुछ विधायकों को होटल में भी ठहराया गया है। यह बात नवनिर्वाचित भाजपा विधायक ललित मीणा के बयान से सामने आई है। ललित मीणा ने कहा है कि वो किसी भी गुटबाजी में नहीं पड़ना चाहते हैं, उन्हें सीकर के होटल में कुछ भाजपा विधायकों ने बुलाया था। लेकिन ललित मीणा ने हालात को देखते हुए, वहां आने से मना कर दिया। 

हालांकि खुद वसुंधरा राजे ने बयान दिया था कि आलाकमान जैसा कहेगा, वैसा वो करेंगी। लेकिन उनकी अप्रत्यक्ष गतिविधियों ने भाजपा की मुसीबत बढ़ा दी है। वह जब दिल्ली गईं तो इस पर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक दिन पहले ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा था, '3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के 24 घंटे से भी कम समय के बाद मीडिया में कांग्रेस की आलोचना की जा रही थी तेलंगाना के लिए मुख्यमंत्री नियुक्त करने में तथाकथित देरी के लिए। खैर, हमारे मुख्यमंत्री की घोषणा की गई परसों... लेकिन तीन दिन बीत गए हैं और भाजपा अपने मुख्यमंत्रियों की घोषणा करने में असमर्थ रही है।'

बता दें कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है। एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में कड़ी टक्कर और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को फायदा मिलने की भविष्यवाणी के बावजूद बीजेपी ने तीनों राज्यों में कांग्रेस को करारी शिकस्त दी। कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना तेलंगाना में जीत थी।

पिछले महीने मतदान करने वाले पांचवें राज्य मिज़ोरम का मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह नियुक्त किया गया। सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बेदखल करने वाले ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख लालदुहोमा ने आइजोल में राजभवन में अपने पद की शपथ ली। तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को शपथ ली।

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