बिलकीस बानो गैंगरेप में दोषी शख्स भाजपा सांसद के साथ मंच पर
गुजरात के बिलकीस बानो गैंगरेप केस के दोषियों को सरकार द्वारा छोड़ने के मामले की जब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है, ऐसे में एक दोषी को भाजपा नेताओं के साथ सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत करते पाया गया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आज सोमवार को इस बारे में ट्वीट भी किया है।
भाजपा शासित गुजरात में 2002 में भयानक मुस्लिम विरोधी दंगे हुए थे। उसी दौरान बिलकीस बानो के साथ गैंगरेप किया गया। इनके एक बच्चे की मौत गर्भ में ही हो गई थी। उनके परिवार के 7 लोगों की हत्या इस दंगे में कर दी गई थी। इस मामले में 11 लोगों को अदालत से दोषी करार दिया गया है। लेकिन हाल ही में गुजरात सरकार ने इन दोषियों को रिहा कर दिया।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन 11 दोषियों में से एक रविवार को गुजरात में एक सरकारी कार्यक्रम में भाजपा सांसद और विधायक के साथ एक मंच साझा करते देखा गया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने जो फोटो शेयर किया, उसमें सजायाफ्ता बलात्कारी को दाहोद के भाजपा सांसद जसवंत सिंह भाभोर और उनके विधायक भाई शैलेश भाभोर के साथ जल आपूर्ति योजना के शुभारंभ में भाग लेते देखा गया था। शैलेश लिमखेड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।
इंडिया टुडे के मुताबिक घटना के जो वीडियो और फोटो सामने आए, उसमें बिलकिस बानो मामले के दोषी शैलेश चिमनलाल भट्ट को सांसद जसवंत सिंह भाभोर और विधायक शैलेश भाभोर के साथ मंच पर दिखाया गया है। उन्हें इवेंट में उनके साथ फोटो खिंचवाते और पूजा में हिस्सा लेते देखा गया।
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने बिलकिस बानो के बलात्कारी की फोटो ट्विटर पर साझा करते हुए कहा- मैं इन राक्षसों को वापस जेल में देखना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि यह शैतानी सरकार, जो इंसाफ का मजाक उड़ा रही है, मतदान से बाहर हो जाए।
Bilkis Bano's Rapist Shares Stage With Gujarat's BJP MP, MLA.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 26, 2023
I want to see these monsters back in jail & the key thrown away. And I want this satanic government that applauds this travesty of justice voted out. I want India to reclaim her moral compass. pic.twitter.com/noaoz1c7ZW
2002 के गोधरा कांड के बाद बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को पिछले साल अगस्त में गोधरा उप जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्हें गुजरात सरकार की छूट नीति के तहत रिहा किया गया था। बिलकिस बानो मामले में बलात्कारियों की रिहाई के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं। दोषी पुरुषों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
गैंगरेप के आरोप में 11 आरोपियों राधेश्याम शाह, जसवंत चतुरभाई नाई, केशुभाई वडानिया, बाकाभाई वडानिया, राजीभाई सोनी, रमेशभाई चौहान, शैलेशभाई भट्ट, बिपिन चंद्र जोशी, गोविंदभाई नाई, मितेश भट्ट, प्रदीप मोढ़िया को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इस दौरान बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी।
21 जनवरी, 2008 को मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, और इस सजा को बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था।