भारत बंद के बाद क्या 13 पॉइंट रोस्टर पर अध्यादेश लाएगी सरकार?

01:36 pm Mar 07, 2019 | रमाशंकर - सत्य हिन्दी

13-पॉइंट रोस्टर को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का असर बिहार में सुबह से ही दिखाई दिया। ग़ैर एनडीए दलों के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह सड़क जाम, आगजनी, रेल रोको एवं चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इसका आम जन-जीवन पर व्यापक असर पड़ा। 

इस बीच, सूत्रों के हवाले से यह ख़बर भी आ रही है कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो-तीन दिनों में 13-पॉइंंट रोस्टर पर अध्यादेश लाने का आश्वासन दिया है। 

बंद के कारण ऑफ़िस जाने वाले और अन्य लोगों को काफ़ी परेशानी हुई। सबसे ज़्यादा दिक़्क़त सीबीएसई की 12वीं के परीक्षार्थियों को हुई। उनके अभिवावक काफ़ी परेशान दिखे। ऑटो एवं अन्य सवारी गाड़ियाँ भी सड़क पर कम चलती दिखीं। 

सड़क यातायात से लेकर ट्रेन भी बाधित

राजधानी पटना को छोड़, बिहार के विभिन्न जिलों से बंद का व्यापक असर दिखा। पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाले गाँधी सेतु पर भी यातायात बाधित किए जाने की सूचना मिली। इस कारण गाँधी सेतु पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। वैशाली ज़िले में कार्यरत एक स्कूल की शिक्षिका शबनम कुमारी ने बताया कि बंद के कारण बस गाँधी सेतु पर काफ़ी देर तक खड़ी रही। वैशाली ज़िले के तेरसिया एवं जढुआ में बंद समर्थकों ने सड़क मार्ग को जाम कर दिया।

बता दें कि सुबह से ही जगह-जगह कार्यकर्ता बंद के लिए गोलबंद होने लगे थे। बंद समर्थकों का जत्था कहीं ट्रेन रोकता दिखा तो कहीं वे सड़क यातायात को बाधित कर विरोध प्रदर्शन करते नज़र आए। भोजपुर ज़िले के आरा में ट्रेन रोक रहे 10 से ज़्यादा आइसा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। 

गिरफ़्तार हुए लोगों के समर्थक रेलवे स्टेशन पहुँचे थे जहाँ जीआरपी और आरपीएफ़ ने उन्हें हिरासत में ले लिया।  आइसा कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद-पटना ट्रेन के परिचालन को बाधित कर दिया था। नवादा में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं के द्वारा पटना-राँची एनएच-31 को जामकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के कारण एनएच-31 पर दोनों तरफ़ वाहनों की लंबी कतार लग गई। स्थानीय सद्भावना चौक को पूरी तरह से ठप कर दिया गया जिसके कारण गया, पटना, राँची आने-जाने वाले सभी वाहन जाम में फंस गए। 

सरकार को बताया दलित विरोधी

बंद कार्यकर्ता सुबह से ही शहर के प्रमुख मार्गों पर स्थित दुकानों को भी बंद कराते दिखे। इस दौरान समर्थकों ने केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाज़ी की एवं सरकार को दलित विरोधी बताया। समर्थकों का कहना है कि जब तक 13 पॉइंट रोस्टर को वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा। रविवार को विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर एनडीए को दलित विरोधी बताते हुए बंद का समर्थन करने की बात कही थी।

वहीं, अरवल में भी सड़क जाम और आगजनी किए जाने की जानकारी मिली है। भारत बंद के समर्थन में बेगूसराय में पावर हाउस चौक के पास एनएच-31 जाम कर आवागमन ठप कर दिया गया। बांका के गाँधी चौक पर युवा राजद के कार्यकर्ताओं ने सड़क को जाम कर दिया। भागलपुर, लखीसराय, समस्तीपुर, वैशाली, मुज़फ़्फ़रपुर, सारण समेत कई ज़िलों में बंद को सफल बताया जा रहा है। अरवल में भी सड़क जाम और आगजनी जारी है। भारत बंद को 21 राजनीतिक दलों का समर्थन मिलने का दावा किया गया। 

13 पॉइंट रोस्टर लागू होने से दलित, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के लोग विश्वविद्यालयों एवं कॉलेज में नियुक्त नहीं हो सकेंगे।


सत्य नारायण सिंह, राज्य सचिव, भाकपा

अध्यादेश लेकर आए सरकार

सत्य नारायण सिंह ने कहा कि 13 पॉइंट रोस्टर समाप्त कर विश्वविद्यालय स्तरीय रोस्टर के माध्यम से कॉलेज एवं विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। इसके लिए सरकार से तत्काल अध्यादेश लाये जाने की मांग की। 

दूसरी ओर जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य आरसीपी सिंह ने कहा है कि भारत बंद का कोई औचित्य नहीं है। सूत्रों के मुताबिक़, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात की है।