ऐसे समय जब राज्य की राजनीति में जनता दल युनाइटेड की स्थिति कमज़ोर हो गई है, उसकी दिलचस्पी केंद्र में बढ़ गई है और वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी चाहती है।
उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर 2019 के आम चुनाव के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से इनकार करने वाली जदयू अब उसी सरकार में अपने लोगों को मंत्री बनवाना चाहती है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को दिल्ली पहुँच गए और उनकी दिल्ली यात्रा को इससे जोड़ कर देखा जा रहा है क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है।
क्या कहा जदयू अध्यक्ष ने?
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष आर. सी. पी. सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बीजेपी और जदयू बिहार सरकार में साथ-साथ हैं, ऐसे में अचरज नहीं होना चाहिए यदि उनकी पार्टी केंद्र सरकार में शामिल हो जाए।
सिंह ने हालांकि कहा कि नीतीश कुमार निजी काम से दिल्ली आए हुए हैं और इसका रानजीति से कोई मतलब नहीं है, पर उनकी मौजूदगी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल से जोड़ कर देखा जा रहा है।
पशुपति पारस, नेता, लोक जनशक्ति पार्टी
लोजपा को भी मिलेगा मौका?
दूसरी ओर इसकी भी संभावना है कि लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस गुट के किसी आदमी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। राम विलास पासवान मोदी मंत्रिमंडल में खाद्य मंत्री थे, उनके निधन के बाद उनकी जगह पर लोजपा के किसी आदमी को मंत्री नहीं बनाया गया है।
क्या कहना है नीतीश का?
'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि नीतीश कुमार ने कहा है कि यह पीएम का विशेषाधिकार है और फिलहाल इस बारे में कोई चर्चा या प्रस्ताव नहीं है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नीतीश कुमार के करीब आरसीपी सिंह ने हाल ही में कहा था कि पीएम मोदी जब भी कैबिनेट का विस्तार करेंगे, जेडीयू निश्चित रूप से इसमें शामिल होगीष
जेडीयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन या लल्लन सिंह ने भी सीएम के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है, 'यह पीएम का विशेषाधिकार है।'