बिहार में महागठबंधन की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। अब अटकले लगाई जा रही हैं कि शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार राजद से नाता तोड़ कर वापस भाजपा के पाले में जा सकते हैं। राजनैतिक गलियारों में कई दिनों से इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
इस बीच नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच चल रही संवादहीनता सामने आई है। पटना के गांधी मैदान में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह मेंं जहां दोनों नेता पहुंचे थे और करीब डेढ़ घंटे तक साथ रहे लेकिन दोनों के बीच आपस में बातचीत नहीं हुई। दोनों नेता बिना बातचीत के ही समारोह से निकल गए।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की राजनीति में बड़े उलटफेट का संकेत लगातार पिछले कुछ दिनों से मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि महागठबंधन के लिए शुक्रवार का दिन काफी अहम होने जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने के लिए शुक्रवार को दोपहर 3.30 बजे का समय लिया है।
माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद स्थिति साफ हो जाएगी कि क्या नीतीश कुमार फिर से पाला बदलेंगे या ये सारी अटकले गलत साबित हो जाएंगी।
इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा, जदयू और राजद ने अपने विधायकों को पटना बुला लिया है। सभी विधायकों को पटना तुरंत पहुंचने का निर्देश पार्टियों ने गुरुवार को ही दे दिया था। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं से गुरुवार को मुलाकात की थी वहीं लालू यादव भी पार्टी नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं।
मांझी ने किया आज ही खेला होने का इशारा
इस पूरे राजनैतिक घटनाक्रम के बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट कर पूछा है कि क्या आज ही खेला हो जाएगा। उन्होंने लिखा है कि, आज ही हो जाएगा का जी? खेला आउर का…उनके इस ट्विट को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि शुक्रवार को ही नीतीश कुमार पाला बदल सकते हैं। जीतन राम मांझी ने 23 जनवरी को कहा था कि, बंगला में कहतें हैं, “खेला होबे” मगही में कहतें हैं, “खेला होकतो” भोजपुरी में कहतें हैं, “खेला होखी” बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…
वह पिछले कुछ दिनों से लगातार कह रहे हैं बिहार में खेला होगा। उनका इशारा नीतीश कुमार के पाला बदल कर भाजपा के साथ गठबंधन करने को लेकर है।
राजनीति में बंद दरवाजे खुलते भी हैं
भाजपा नेता लगातार बयान देते रहे हैं कि नीतीश कुमार के लिए एनडीए गठबंधन में शामिल होने के सभी दरवाजे बंद हो चुके हैं। इस बीच राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुशील मोदी ने बयान दिया है कि जहां तक नीतीश कुमार और जदयू का सवाल है तो राजनीति में हमेशा दरवाजा बंद नहीं रहता है।जो दरवाजा बंद रहता है वह आवश्यकता पड़ने पर खुल भी सकता है। अब खुलेगा कि नहीं खुलेगा, क्या होगा यह मैं नहीं कह सकता हूं। यह हमारा केंद्रीय नेतृत्व इन चीजों को तय करता है।
सुशील कुमार मोदी गुरुवार की रात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बिहार भाजपा नेताओं की हुई बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए थे। उनके इस बयान का राजनैतिक मतलब निकाला जा रहा है कि अब भाजपा नीतीश कुमार के लिए अपने बंद हो चुके दरवाजे को खोल सकती है। इस बीच भाजपा ने पटना में पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाई है।
इस बीच चर्चा है कि अगर नीतीश भाजपा के साथ गठबंधन करते हैं तो फिर से उन्हें सीएम बनाने पर भाजपा सहमत हो सकती है। वहीं सुशील मोदी को डिप्टी सीएम बनाए जाने की भी अटकले लगाई जा रही है।