राष्ट्रपति चुनाव: नीतीश को मनाने में जुटी बीजेपी, धर्मेंद्र प्रधान मिले

04:26 pm May 07, 2022 | सत्य ब्यूरो

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि यह मुलाकात नजदीक आ रहे राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर हुई है। बिहार की सियासत में इन दिनों नीतीश कुमार के रुख को लेकर चर्चा तेज है। 

नीतीश कुमार ने बीते दिनों में आरजेडी के साथ नजदीकी बढ़ाई है और ऐसे कयास लग रहे हैं कि नीतीश एक बार फिर बिहार में सियासी उलटफेर कर सकते हैं।

बीजेपी के खेमे में भी नीतीश की आरजेडी से बढ़ रही नजदीकी को लेकर चर्चा स्वाभाविक रूप से हो रही है। क्योंकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार की जीत के लिए बीजेपी को एनडीए में शामिल सहयोगी दलों का समर्थन हर हाल में चाहिए इसलिए धर्मेंद्र प्रधान ने नीतीश से मिलकर उन्हें मनाने और उनकी मन की बात जानने की कोशिश की है।

बीते दिनों में ऐसी चर्चा भी हुई है कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बन सकते हैं हालांकि नीतीश ने ऐसी बातों को सिर्फ अफवाह ही बताया है। नीतीश की धर्मेंद्र प्रधान के साथ यह मुलाकात 2 घंटे तक चली और यह इतनी गोपनीय रही कि इसके बारे में बिहार बीजेपी की राज्य इकाई को भी सूचना नहीं मिली।

विपक्ष का किया समर्थन 

बीजेपी इस बात को भी जानती है कि साल 2012 में नीतीश ने राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया था जबकि उस वक्त वह एनडीए में ही थे।

2012 में नीतीश कुमार ने यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था और इसी तरह 2017 में जब वह आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार चला रहे थे तो उन्होंने एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था जबकि तब विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार थीं।

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, धर्मेंद्र प्रधान को नीतीश कुमार से मुलाकात करने के लिए भेजने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच हुई बातचीत में लिया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास पर हाल ही में एक और बेहद अहम बैठक हुई और इसमें राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर चर्चा हुई। इसमें बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।

अपना सीएम चाहती है बीजेपी!

बिहार में विकासशील इंसान पार्टी के तीन विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी राज्य में सबसे बड़ा दल बन गई है। इसके बाद से ऐसी अटकलें फिर से लगने लगी हैं कि बीजेपी राज्य में अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। निश्चित रूप से इस तरह की चर्चाओं से जेडीयू और नीतीश कुमार खुश नहीं हैं और उन्होंने आरजेडी से नजदीकी बढ़ाकर इस बात का स्पष्ट संकेत भी दिया है।

हालांकि बीजेपी नीतीश की नाराजगी को भांप गई और इसीलिए धर्मेंद्र प्रधान को नीतीश को मनाने के लिए भेजा गया। क्योंकि नीतीश भी यह आश्वासन बीजेपी से चाहते हैं कि एनडीए की सरकार 5 साल तक चलेगी और राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी जेडीयू के पास ही रहेगी।

इसके बाद बीजेपी के कुछ नेताओं की ओर से बयान दिलवाया गया कि बिहार में 2025 तक एनडीए की सरकार रहेगी और नेतृत्व में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होगा।

निश्चित रूप से नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बाद बीजेपी हाईकमान अलर्ट हुआ है और अब देखना होगा कि क्या वह राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में नीतीश कुमार का समर्थन हासिल कर पाएगा क्योंकि बीते चुनावों में नीतीश जिस गठबंधन में रहे हैं, उसके विरोधी उम्मीदवार का समर्थन कर चुके हैं।

नीतीश कुमार के अलावा बीजेपी एनडीए से बाहर बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस तक भी पहुंचने की कोशिश कर रही है और आने वाले दिनों में कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस की राज्य सरकारों के मुख्यमंत्रियों से मिलने भेजा जा सकता है।

हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी ने बड़ी कामयाबी हासिल की है और ऐसे में उसके लिए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार को जिताना बहुत मुश्किल नहीं होगा लेकिन एनडीए में शामिल दलों के साथ ही कुछ विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन मिलने से उसकी जीत आसान हो जाएगी। राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव जुलाई-अगस्त के महीने में होंगे।