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राष्ट्रगान के दौरान नीतीश कुमार हँसे, बात की, विपक्ष ने घेरा

राष्ट्रगान के दौरान नीतीश कुमार हँसे, बात की, विपक्ष ने घेरा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान के दौरान हंसने का आरोप लगा है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर घेरते हुए उनके खिलाफ कड़ी आलोचना की है। क्या यह मामला राजनीतिक विवाद का रूप लेगा?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। एक खेल स्पर्धा के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय उनकी हरकतों ने विपक्ष को हमला करने का मौक़ा दे दिया। नीतीश कुमार को कैमरे में राष्ट्रगान के दौरान हंसते और अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार से बात करते हुए देखा गया। इसके बाद विपक्ष ने उन्हें राज्य और राष्ट्र का अपमान करने का आरोप लगाया।

दरअसल, पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में गुरुवार को सेपक टाकरा विश्व कप 2025 का उद्घाटन समारोह हो रहा था। कार्यक्रम के दौरान जब राष्ट्रगान शुरू हुआ तो नीतीश कुमार अपने स्थान पर शांत नहीं रहे। वे हंसते हुए दीपक कुमार के कंधे पर हाथ रखकर उनसे बात करने की कोशिश करते दिखे, जबकि दीपक कुमार सीधे खड़े होकर राष्ट्रगान का सम्मान कर रहे थे। इसी दौरान मुस्कुराते हुए नीतीश ने दर्शकों में किसी की ओर हाथ जोड़कर नमस्ते भी किया। दीपक कुमार ने उनकी आस्तीन खींचकर उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन यह दृश्य कैमरे में कैद हो गया। इससे पहले, राष्ट्रगान की घोषणा होते ही नीतीश मंच से उतर गए थे और प्रतिभागियों से हाथ मिलाने चले गए थे।

इस घटना का वीडियो वायरल होते ही विपक्ष ने सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना शुरू कर दी। उनके पूर्व सहयोगी और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, 'कम से कम राष्ट्रगान का अपमान तो न करें, माननीय मुख्यमंत्री जी। आप रोजाना युवाओं, छात्रों, महिलाओं और बुजुर्गों का अपमान करते हैं। कभी महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर ताली बजाकर उनकी शहादत का मजाक उड़ाते हैं, तो कभी राष्ट्रगान के दौरान ऐसा करते हैं!'

उन्होंने आगे लिखा, 'आपको याद दिला दूं कि आप एक बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं। आप कुछ सेकंड के लिए भी मानसिक और शारीरिक रूप से स्थिर नहीं रहते, और इस अचेतन अवस्था में आपका इस पद पर होना राज्य के लिए बड़ी चिंता का विषय है। बार-बार बिहार का अपमान न करें।'

तेजस्वी के पिता और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भी वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'राष्ट्रगान का अपमान हिंदुस्तान बर्दाश्त नहीं करेगा। बिहारवासियों, अब भी कुछ बचा है क्या?'

नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। कहा जा रहा है कि राज्य विधानसभा में संभावित हंगामे से बचने के लिए नीतीश माफी मांग सकते हैं।

एनडीए में नीतीश के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने उनका बचाव किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "जो लोग बिहार सहित देश का अपमान कर रहे हैं, वे बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठा रहे हैं। मैं ऐसे लोगों को बताना चाहता हूं कि लालू जी और उनकी कंपनी ने 'बिहार' नाम को गाली बना दिया था, लेकिन नीतीश कुमार ने ही बिहार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाया। एक ओर लोग लालू के शासन की याद से कांपते हैं, वहीं नीतीश कल भी बिहार के पसंदीदा थे, आज भी हैं और भविष्य में भी रहेंगे। नीतीश बिहार का सम्मान हैं।"

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार किसी गंभीर अवसर पर विवाद में फंसे हों। इस साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर फूल चढ़ाने के बाद वे ताली बजाते हुए कैमरे में कैद हुए थे, जिसकी भी आलोचना हुई थी।

यह घटना बिहार की सियासत में नया तूफान ला सकती है। विपक्ष इसे नीतीश की कथित अस्थिरता का सबूत बता रहा है, जबकि उनके सहयोगी इसे अनावश्यक विवाद करार दे रहे हैं। 

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

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