+
बिहार: हिंसा फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल, पांच गिरफ्तार   

बिहार: हिंसा फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल, पांच गिरफ्तार   

बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जांच में पता चला है कि आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, इसके माध्यम से वे विभिन्न समुदायों के खिलाफ लोगों के बीच नफरत फैला रहे थे।

रामनवमी और उसके बाद देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा हुई जिसमें बिहार और बंगाल ज्यादा प्रभावित हुए। बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य में हुई हिंसा के लिए बीजेपी और असदुद्दीन ओवैसी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच की बात भी कही थी।

बिहार पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपियों ने इस हिंसा को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग किया। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गये थे। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जांच में पता चला है कि आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, इसके माध्यम से वे विभिन्न समुदायों के खिलाफ लोगों के बीच नफरत फैला रहे थे। आरोपी लोगों को फर्जी वीडियो संदेश फैलाने के लिए भी उकसा रहे थे। आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन भी बरामद किए गये हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

ईओयू उन लोगों को गिरफ्तार करने के लिए अलग से जांच कर रहा है जो नालंदा और सासाराम में सांप्रदायिक तनाव के दौरान विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करके फर्जी वीडियो और संदेश फैला रहे थे।

पुलिस ने नालंदा जिले के बिहार शरीफ कस्बे में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के सिलसिले में रविवार को पांच और लोगों को गिरफ्तार किया। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस मामले में नई गिरफ्तारियां की हैं।  

इस मामले में आठ अप्रैल को 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। जिसमें से गिरफ्तार किये गये 5 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में और लोगों की जांच की जा रही है, आने वाले दिनों में कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। अफवाहों को रोकने के लिए पुलिस सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी कर रही है।

एडीजी जेएस गंगवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार पुलिस द्वारा नालंदा और सासाराम में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए ईओयू द्वारा दर्ज किये गये नए मामलों सहित अब तक कुल 20 एफआईआर दर्ज की गई हैं और अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।  

इस मामले में रविवार को दो और आरोपियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले आरोपी पहले से चल रहे किसी और मामले में पुलिस की वांछित सूची में शामिल हैं। ईओयू सोमवार को कोर्ट में पेश कर उनकी हिरासत की मांग करेगा। ईओयू के अधिकारी आत्मसमर्पण करने वाले आरोपियों के किसी संगठन से जुड़े होने को लेकर भी जांच कर रही है।

हाल ही में बिहार शरीफ में उपद्रवियों द्वारा किए गए पथराव और गोलीबारी में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे तथा 10 के करीब दुकानें जलकर खाक हो गईं। हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी।  

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें