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राहुल के बाद अब तेजस्वी पर गुजरात में मानहानि मुक़दमा क्यों?

राहुल के बाद अब तेजस्वी पर गुजरात में मानहानि मुक़दमा क्यों?

मोदी सरनेम वाले बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता तक चली गई तो क्या अब तेजस्वी यादव की ऐसी ही मुश्किलें बढ़ने वाली हैं? जानें उन पर किस लिए केस किया गया है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ गुजरात में मानहानि का मुक़दमा किया गया है। यह केस उनके उस बयान के लिए दर्ज किया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर गुजरातियों को 'ठग' कहा था। उनका वह बयान तब आया था जब हाल ही में मेहुल चोकसी के ख़िलाफ़ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को वापस ले लिया गया था।

इसी साल मार्च महीने में तेजस्वी यादव ने कहा था कि देश में स्थिति ऐसी है कि केवल एक गुजराती ही धोखेबाज हो सकता है क्योंकि उनकी धोखाधड़ी को माफ कर दिया जाएगा। इंटरपोल द्वारा भगोड़े भारतीय हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस वापस लेने के बाद उन्होंने यह कहा था।

उनकी इस कथित टिप्पणी के लिए अहमदाबाद की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार हरीश मेहता नाम के एक कारोबारी ने अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में तेजस्वी यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने उल्लेख किया है कि उन्होंने इस बयान को समाचारों में देखा था और इस टिप्पणी से गुजराती गौरव को ठेस पहुँची है।

रिपोर्ट के अनुसार तेजस्वी यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया है। धारा 499 में यह है कि मानहानि क्या है, जबकि धारा 500 मानहानि के लिए सजा से संबंधित है।

इस मामले की सुनवाई एक मई को निर्धारित की गई है। संभव है कि अदालत तेजस्वी यादव को समन जारी कर उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कहे।

ऐसे ही एक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को हाल में बड़ा झटका लगा है। इसी साल 23 मार्च को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राहुल को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें लोकसभा के सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

हालाँकि, राहुल की सजा को निलंबित कर दिया गया था, और उन्हें 30 दिनों के भीतर अपनी सजा के खिलाफ अपील दायर करने के लिए जमानत भी दी गई थी।

 - Satya Hindi

इसके बाद राहुल ने अपनी सजा के आदेश को चुनौती देते हुए 3 अप्रैल को सूरत सत्र न्यायालय का रुख किया था। उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए एक अर्जी भी दाखिल की थी। लेकिन वहाँ से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। 

राहुल गांधी ने मानहानि के मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लेकिन गुजरात उच्च न्यायालय की एक जज ने मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में खुद को अलग कर लिया है।

बता दें कि भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत उनकी कथित टिप्पणी के लिए शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि उन्होंने कर्नाटक के कोलार में 2019 के चुनाव के पहले एक रैली को संबोधित करते हुए 'मोदी' उपनाम वाले सभी लोगों को बदनाम किया है। 

तब राहुल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'क्यों सभी चोरों का समान सरनेम मोदी ही होता है? चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी? सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है।' 

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