नकली शराब से 24 की मौत, बीजेपी के सवाल पर नीतीश क्यों भड़के?
बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 24 लोगों के मारे जाने को लेकर आज विधानसभा में हंगामा मचा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा के अंदर उस समय भड़क गए जब भाजपा विधायकों ने छपरा जहरीली शराब त्रासदी को लेकर उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की।
बीजेपी नेताओं ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनज़र राज्य सरकार की शराबबंदी पर सवाल उठाया। सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य में जहरीली शराब की बिक्री के पीछे नीतीश कुमार सरकार का हाथ है और मृतक के परिजनों द्वारा उनके ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। इस बीच विधानसभा में काफी शोर-शराबा हुआ। यह तब हुआ जब जहरीली शराब कांड और नौकरी के इच्छुक लोगों पर लाठीचार्ज जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही थी।
शोर-शराबे के बीच ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद आक्रोशित हो गए। नीतीश कुमार विपक्षी भाजपा पर 'शराबी हो गए हो तुम' कहकर चिल्लाये। सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उनको काफी ज़्यादा ग़ुस्से में देखा जा सकता है।
भाजपा विधायकों द्वारा नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन पर नीतीश को वीडियो में यह चिल्लाकर कहते हुए सुना जा सकता है, 'क्या हुआ? चुप रहो। उन्हें सदन से बाहर निकालो।' उन्होंने कहा, 'शराबी हो गए हो तुम...।'
Liquor Ban isn't working... Illegal trader's are selling it Openly... Accept it or Not But Mr. Nitish Kumar is Pushing Bihar Back into JungleRaj.#NitishKumar #Bihar #GOAT𓃵 #NewHigh4TNSports#Messi𓃵 pic.twitter.com/oZ0hC97BhW
— Suhani Anand (@SuhaniAnand17) December 14, 2022
बिहार के मुख्यमंत्री साफ़ तौर पर बीजेपी विधायकों पर भड़के हुए थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी विधायकों ने विधानसभा भवन के प्रवेश द्वार पर उनकी सरकार पर हमला करने वाले और उनकी सार्वजनिक माफी की मांग करने वाले पोस्टर लगाए थे।
विधानसभा के अंदर नीतीश कुमार को एक जगह यह कहते सुना जा सकता है, 'क्या हो गया, जहरीली शराब, हल्ला कर रहे हो तुम लोग।' जदयू नेता भाजपा विधायकों को चुप रहने का इशारा भी करते नजर आए।
नीतीश कुमार की टिप्पणी के बाद भाजपा विधायक उनसे माफी मांगने के लिए कहने लगे, जिसके परिणामस्वरूप सदन में हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री से यह भी बताने को कहा कि जहरीली शराब कहां से आ रही है। विपक्ष ने बाद में विधानसभा से वाकआउट किया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार जदयू नेता शालिनी मिश्रा ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी सफल है और भाजपा राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, 'शराब माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और राज्य की महिलाएं सीएम की कार्रवाई से खुश हैं।' बिहार ने अप्रैल 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी।
पुलिस ने मौतों को 'संदिग्ध' बताया है और इसने कहा है कि अभी तक मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एस कुमार ने कहा, 'तीन लोगों की मौत हो गई, उनके शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। ये संदिग्ध मौतें लग रही हैं। मुझे यह भी जानकारी मिली है कि कुछ और लोगों का अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है।'
अगस्त माह में इसी जिले में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गयी थी।
लगातार आ रहे हैं मौत के मामले
सारण जिले के मकेर थाना क्षेत्र के भाथा गांव में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई थी। बिहार में पिछले साल नवंबर से अब तक नकली शराब पीने से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
बिहार के कई जिलों में इस साल होली के दौरान नकली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें भागलपुर में 16, बांका में 12 मधेपुरा में तीन और एक शख्स की नालंदा में मौत हुई थी। भागलपुर और बांका में एक-एक शख्स की आंखों की रोशनी चली गई थी जबकि 20 लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे।
शराबबंदी घोषित एक और राज्य गुजरात में नकली शराब पीने से हाल के महीनों में ही 42 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग बीमार पड़ गए थे। यह घटना गुजरात के बोटाद जिले और अहमदाबाद के आसपास के हिस्सों में हुई थी।
शराबबंदी फेल?
यह साफ है कि शराबबंदी घोषित वाले दोनों राज्यों बिहार और गुजरात में यह पूरी तरह फेल हो चुकी है। बिहार विधानसभा परिसर में तो शराब की खाली बोतलें भी मिली थीं। बिहार में यह चर्चा आम है कि वहां पर आसानी से शराब मिल जाती है और अफसरों और पुलिस का एक बड़ा तंत्र है जो इस काम में लगा हुआ है। शराबबंदी वाले बिहार में यह सब कैसे हो रहा है, इसका जवाब नीतीश सरकार को ज़रूर देना चाहिए।