बिहार में तीन चरणों में होगा विधानसभा चुनाव, 10 नवंबर को आएंगे नतीजे

01:40 pm Sep 25, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

बिहार के विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। बिहार में तीन चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर, दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा। चुनावी नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। राज्य में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सदारत वाले महागठबंधन के बीच जोरदार मुक़ाबला होने की उम्मीद है। 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि यह चुनाव कोरोना महामारी के संकट के दौरान हो रहा है, ऐसे में आयोग की ओर से विशेष इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए सुरक्षा मानकों के तहत ही चुनाव कराए जाएंगे और चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में पीपीई किट, मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर्स का इस्तेमाल किया जाएगा। पीपीई किट की संख्या 6 लाख है जबकि 47 लाख मास्क का इस्तेमाल चुनाव के दौरान होगा। 

चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार में 7 करोड़ 79 लाख मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि मतदान का समय बढ़ा दिया गया है और नामांकन ऑनलाइन भी किए जा सकेंगे। 

बिहार के सियासी घमासान में हर दिन नए घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। जीतन राम मांझी के महागठबंधन छोड़कर एनडीए में आने के बाद असहज महसूस कर रहे एलजेपी मुखिया और सांसद चिराग पासवान का अगला कदम क्या होगा, इसे लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हैं। लेकिन इससे अलग बीजेपी-जेडीयू ने जोरदार चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में बिहार के लिए कई योजनाओं की घोषणा कर चुके हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे पर चर्चा को लेकर हाल ही में पटना पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसे लेकर बातचीत की थी। 

दूसरी ओर, महागठबंधन में अब तक नेता और सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है और इससे नाराज होकर मांझी के बाद अब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी महागठबंधन से बाहर जा सकते हैं। 

आसान नहीं सीटों का बँटवारा

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सीट बँटवारे की गुत्थी सुलझा ही रहे थे कि एलजेपी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा यानी हम ने सीटों के बँटवारे पर नया पेच फँसा दिया है। अधिक सीटें हासिल करने के लिए एलजेपी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि राज्य में उनका गठबंधन बीजेपी से है न कि जदयू से। दूसरी ओर एलजेपी की काट के लिए नीतीश ने जीतन राम माँझी के हम को गठबंधन में शामिल किया है। हम के मुखिया और राज्य के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने चिराग की तर्ज पर कहा है कि उनकी पार्टी का गठबंधन जदयू से है न कि बीजेपी से।

नीतीश के गठबंधन में रार पर देखिए वरिष्ठ पत्रकार शैलेश की रिपोर्ट। 

ग़ौरतलब है कि चिराग पासवान लगातार जदयू और नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। चिराग पासवान बिहार विधानसभा में ज़्यादा सीटों के लिए बीजेपी और जदयू पर लगातार दबाव बना रहे हैं। असल में चिराग पासवान शुरू से ही दबाव की राजनीति कर रहे हैं। 

चिराग पासवान इसके पहले भी कह चुके हैं कि बिहार में नेतृत्व किसका होगा इसका फ़ैसला बीजेपी करे। चिराग ने अपनी तरफ़ से बीजेपी पर पूरा भरोसा जताया है। चिराग पासवान ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर बिहार की राजनीतिक स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। अब एक बार फिर चिराग पासवान ने बीजेपी को बड़े भाई की भूमिका निभाने को कहा है। एलजेपी को उम्मीद है कि अगर बीजेपी को अधिक सीटें मिलती हैं तो एलजेपी को इसका फ़ायदा होगा। 

जदयू चाहती है कि उसे ज़्यादा सीटें हासिल मिले और सीट बँटवारे का आधार 2015 का विधानसभा चुनाव बनाया जाए। बीजेपी बीते लोकसभा चुनाव को सीट बँटवारे का आधार बनाना चाहती है। बीजेपी ख़ुद और जदयू को सौ-सौ सीटें, एलजेपी को 30 तो अन्य दलों को 13 सीटें देना चाहती है।