भूपेंद्र पटेल ने ली गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ
भूपेंद्र पटेल गुजरात के नये मुख्यमंत्री बन गए। उन्होंने सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जैसे नेता शामिल हुए। अमित शाह ने विश्वास जताया है कि वह प्रदेश को विकास यात्रा पर आगे बढ़ाएंगे। पहली बार विधायक बनने के बाद सीधे मुख्यमंत्री बने भूपेंद्र पटेल ने रविवार शाम को ही राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलकर सरकार गठन का दावा पेश कर दिया था। शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले विजय रूपाणी भी राज्यपाल से मिलने भूपेंद्र पटेल के साथ गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने भूपेंद्र पटेल को गुजरात के नये मुख्यमंत्री बनने पर ट्वीट कर बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'भूपेंद्र भाई को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई। मैं उन्हें वर्षों से जानता हूँ और उनका अनुकरणीय कार्य देखा है, चाहे वह बीजेपी संगठन में हो या नागरिक प्रशासन और सामुदायिक सेवा में। वह निश्चित रूप से गुजरात के विकास पथ को समृद्ध करेंगे।'
Congratulations to Bhupendra Bhai on taking oath as CM of Gujarat. I have known him for years and have seen his exemplary work, be it in the BJP Organisation or in civic administration and community service. He will certainly enrich Gujarat’s growth trajectory. @Bhupendrapbjp
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2021
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भूपेंद्र पटेल को सोमवार दोपहर 2:20 बजे गुजरात के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। इससे पहले रविवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में नये मुख्यमंत्री का फ़ैसला लिया गया था। भूपेंद्र पटेल घाटलोदिया सीट से विधायक हैं। आनंदी बेन पटेल ने उनके लिए यह सीट छोड़ी थी। भूपेंद्र पटेल आनंदीबेन के क़रीबी हैं। वह पाटीदार समुदाय से आते हैं। वह पूर्व में अहमदाबाद नगर निगम और अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण यानी एयूडीए के चेयरमैन रहे थे।
रविवार को विधायक दल की बैठक में पटेल के नाम का प्रस्ताव भी रूपाणी ने ही रखा था। इसका अनुमोदन नितिन पटेल ने किया जिनके बारे में रिपोर्टें आईं कि वह नाराज़ हैं। इस बीच नितिन पटेल का दर्द भी छलका है। भूपेंद्र पटेल के नाम की घोषणा के कुछ देर बाद एक कार्यक्रम में नितिन ने कहा कि 'मैं अकेला नहीं, जिसकी बस छूटी है'। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह लोगों के दिल में रहते हैं और वहाँ से उन्हें कोई निकाल नहीं सकता है।
हालाँकि नितिन पटेल ने नाराज़गी की इन रिपोर्टों को खारिज किया है। उन्होंने कार्यक्रम में यह भी कहा था कि भूपेंद्र पटेल उनके दोस्त हैं। नितिन ने कहा, 'नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल हमारे दोस्त हैं, वह हमारे बीच से हैं और वह हम सभी की तरह एक कार्यकर्ता हैं। हमने पहले एक साथ काम किया है और उनका नाम पार्टी द्वारा सीएम के रूप में चुना गया है। वह मेरे दोस्त हैं, मैंने उनके कार्यालय का उद्घाटन किया है, कोई हमारे बारे में कुछ भी सोचे। मीडिया कुछ भी अनुमान लगा सकता है। मैंने उनसे (मीडिया) सुबह कहा कि आपका काम अटकलें लगाना है, लेकिन फ़ैसला पार्टी करेगी।'
बता दें कि एक बेहद अहम घटनाक्रम में शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। उन्होंने आनंदी बेन पटेल के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद पदभार संभाला था।
पिछले चुनाव से कुछ महीने पहले ही आनंदी बेन पटेल को मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। इस बार गुजरात में चुनाव से क़रीब एक साल पहले ही रूपाणी को पद छोड़ना पड़ा है।
गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र यह बदलाव बेहद महत्वपूर्ण है। समझा जाता है कि बीजेपी ने यह बदलाव इसलिए किया है कि उसे चुनाव के समय एंटी इनकम्बेन्सी यानी सरकार विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़े।