क्या अंतरिक्ष में भारत अब अपनी गति तेज करने वाला है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष विभाग को 2035 तक 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजने का लक्ष्य रखने का निर्देश दिया है।
अंतरिक्ष में यह नया लक्ष्य तब रखा गया है जब हाल ही में भारत ने चंद्रमा पर विक्रम लैंडर को उतारा है। अगस्त महीने में इसी तरह के रूसी मिशन के विफल होने के कुछ ही दिनों बाद चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारने वाला यह पहला देश बन गया, और सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाला कुल मिलाकर चौथा देश बन गया। उस सफलता के बाद भारत ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए एक रॉकेट लॉन्च किया।
'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय को भेजने का लक्ष्य तय करने का पीएम ने ये निर्देश एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान दिए। इस बैठक को भारत के गगनयान मिशन की प्रगति का आकलन करने और भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए बुलाया गया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि मोदी ने भारत के गगनयान मिशन की प्रगति का आकलन करने के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें कहा गया कि अंतरिक्ष विभाग ने गगनयान मिशन को प्रस्तुत किया। इसके लिए क़रीब 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है। क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट व्हीकल की पहली प्रदर्शन उड़ान 21 अक्टूबर को निर्धारित है। बैठक में मिशन की तैयारी का मूल्यांकन किया गया, 2025 में इसके प्रक्षेपण की पुष्टि की गई।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बयान में कहा गया है, 'हाल ही में चंद्रयान -3 और आदित्य एल 1 मिशन सहित भारतीय अंतरिक्ष पहल की सफलता के आधार पर प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत को अब 2035 तक 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजने सहित नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को रखना चाहिए।'
बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों से अंतरग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया जिसमें एक वीनस ऑर्बिटर मिशन और एक मंगल लैंडर शामिल होगा।
बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की क्षमताओं पर भरोसा जताया है और अंतरिक्ष खोज में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए देश की प्रतिबद्धता जताई।