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‘मेरी इमेज खराब करने के लिए बीजेपी खर्च करती है करोड़ों रुपए’

‘मेरी इमेज खराब करने के लिए बीजेपी खर्च करती है करोड़ों रुपए’

कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा कर रहे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश के इंदौर में है। जानिए, राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स में क्या कहा?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा राजनीतिक हमला बोलते हुए बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है, ‘मेरी इमेज खराब करने के लिये बीजेपी हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है। भाजपा का ऐसा करना मुझे ताकत देता है।’ भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी सोमवार को इंदौर में मीडिया से मुखातिब थे।

राहुल गांधी से सवाल किया गया था, भारत बचाओ यात्रा में उठाये जा रहे सवालों के माकूल जवाबों से इतर बीजेपी आपकी दाढ़ी, कुर्ते एवं पूजा करने आदि पर कटाक्ष कर रही है, इसे किस तरह से देखते और लेते हैं? 

राहुल गांधी ने कहा, ‘भाजपा की दिक्कत है कि उन्होंने हजारों करोड़ रुपए मेरी इमेज को खराब करने में लगा दिए, लेकिन ये मेरे लिए फायदेमंद रहा। मेरी इमेज बनी। सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता। अगर आप किसी बड़ी शक्ति से लड़ रहे हो तो निजी हमले होंगे। अगर मुझ पर ये हमले हो रहे हैं तो मुझे लगता है कि मैं सही काम कर रहा हूं। ये एक प्रकार से मेरा गुरू है। ये मुझे सिखाता है कि मुझे इधर जाना है, उधर नहीं जाना।’

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उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘लड़ाई क्या है? लड़ाई - जो आपके सामने खड़ा है, लड़ाई उसकी सोच को गहराई से समझने की है। मैं धीरे-धीरे आरएसएस और भाजपा की सोच को अच्छे से समझने लगा हूं।’

एक अन्य सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘यात्रा का सुस्पष्ट लक्ष्य भारत में फैलाई जा रही नफरत और हिंसा से उत्पन्न भय का माहौल समाप्त करने का है। यह यात्रा कांग्रेस पार्टी से आगे निकल चुकी है। दरअसल यात्रा हिन्दुस्तान के दिल की आवाज को उठा रही है। कांग्रेस और आम लोगों के साथ, भाजपा-आरएसएस के लोगों को भी यह अच्छा लग रहा है। सभी यात्रा से जुड़ रहे हैं।’

राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत को चलाना प्रगतिशीलता का काम है। देश को आगे ले जाने के लिए जरूरी है कि जनता की आवाज को सुना जाये। भाजपा और आरएसएस की मुश्किल यह है कि दोनों ही जनता की आवाज को सुनना नहीं चाहते हैं।’ 

‘मैं नंबरों पर भरोसा नहीं करता’

राहुल से पूछा गया, मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में 58 सीटें बढ़ीं और वोट परसेंट भी बढ़ा। भारत जोड़ो यात्रा से एक मोमेंट दिख रहा है। इसे बरकरार रखने के बारे में क्या सोचते हैं? राहुल ने संक्षिप्त जवाब में कहा, ‘मैं नंबरों पर भरोसा नहीं करता।’

मीडिया ने राहुल गांधी से सवाल किया, जिन लोगों ने कांग्रेस की सरकार गिराई, क्या उनके लिए दरवाजे खुले हैं? ‘राहुल गांधी ने कहा कि इस बारे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मध्य प्रदेश कांग्रेस से सवाल करना चाहिए। बाकी मेरा मानना है कि जो लोग पैसों से खरीदे गए हैं, उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।’

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे घमासान पर उन्होंने कहा कि ये दोनों नेता हमारे एसेट हैं। मैं इस बात की गारंटी दे सकता हूं कि राजस्थान में इसका भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘आरएसएस का एक व्यक्ति मेरा पास आया। उन्होंने कहा- मैं आरएसएस का हूं, मैं आपका स्वागत करता हूं। तो मैंने उनसे कहा आईए।’

बेरोजगारी दूर करने को लेकर कांग्रेस के पास क्या फार्मूला है?, इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘इस समस्या का सबसे बड़ा कारण तीन-चार लोगों के हाथ में हिंदुस्तान का पूरा धन दे दिया जाना है। वे हर क्षेत्र में एकाधिकार करते जा रहे हैं। टेलीकॉम, रिटेल, इंफ्रास्ट्रक्चर बाकी सब। इससे स्मॉल स्केल और मीडियम बिजनेस वालों की ग्रोथ रुक गई है, इसलिए जो ग्रोथ पोटेंशियल देते हैं उस पर ध्यान देना जरूरी है।’

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राहुल गांधी ने कहा, ‘इस देश की नींव किसान हैं, लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया है। उनकी कोई सहायता नहीं की जा रही है। उनको बीज, खाद, बीमा कुछ नहीं मिल रहा। आंख मूंदकर निजीकरण हो रहा है। कॉलेज, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल का प्राइवेटाइजेशन हो रहा है। हम चाहते हैं कि स्कूल और अस्पताल सरकार की जिम्मेदारी हो। स्कूल और हेल्थ केयर सरकार को देखना चाहिए।’

‘घुटने का दर्द काफूर हो गया’

कन्याकुमारी से मध्य प्रदेश तक यात्रा के सफर के सबसे सुखद क्षण के बारे में पूछने पर राहुल बोले, ‘एक नहीं कह सकता, बहुत सारे क्षण हैं। ऐसी यात्रा मैंने पहले कभी नहीं की थी। शुरुआती 5-10 दिन बाद पता चलता है कि हजारों किमी चलना है। मेरे घुटने और पैरों में दर्द होने लगा, पुराना दर्द उभर आया। फिर डर लगा कि इतना चल पाऊंगा कि नहीं। फिर धीरे-धीरे डर खत्म हो गया। ऐसी चीजें अच्छी लगती हैं। उस चीज पर आपने जीत पा ली, जिससे आप डर रहे थे।’

यात्रा में 6-7 साल की एक छोटी सी लड़की आई, वो मेरे पास नहीं आ रही थी, वो थोड़ा दूर चल रही थी। उसने एक चिट्ठी दी, और कहा इसे आप बाद में पढ़ना। थोड़ी देर बाद मैंने चिट्ठी को देखा, उसमें लिखा था, आप ये मत सोचो कि आप अकेले चल रहे हो। मेरे माता-पिता आपके साथ चलने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, फिर भी आप सोचो कि मैं आपके साथ चल रही हूं।’

अन्य सवालों के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘यात्रा बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई के खिलाफ है। राजनीतिक मुद्दे उठाकर यात्रा को लक्ष्य से दूर नहीं करना चाहता। जनता जो कह रही है, जो फीडबैक मिल रहा है, उस बारे में बात करना चाहता हूं।’

यात्रा मेरी जिम्मेदारी और एक तरह से तपस्या है। इस देश में जो नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है, वो देश के लिए खतरनाक है, तो मेरी जिम्मेदारी है कि मैं इस डर, हिंसा और नफरत के खिलाफ आवाज उठाऊं। करुणा, भाईचारा, आपसी सद्भाव इस देश की शक्ति रही है। इसका लक्ष्य देश को याद दिलाना है कि इस देश की संस्कृति क्या है, इतिहास क्या है, डीएनए क्या है। अगर हम इससे भटके तो इससे देश का बहुत नुकसान होगा।


राहुल गांधी।

आर्थिक रूप से आरक्षण से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में राहुल ने दोहराया, ‘इस यात्रा के स्पष्ट लक्ष्य है, मैं उससे दूर नहीं होना चाहता। देश में डर, हिंसा और नफरत फैलाई जा रही है, उसे दूर करना। जनता की आवाज सुनना। प्यार, भरोसा, शक्ति इस यात्रा को मिली है।’

राहुल गांधी ने कहा, ‘यात्रा शुरू होते वक्त मीडिया ने कहा था, केरल में सफल रहेगी, बाकी जगह नहीं चलेगी। इसके बाद हम कर्नाटक, महाराष्ट्र गए सब जगह सफल हुई। मप्र में आये तो यहां भी ऐसा ही हुआ। हर जगह यात्रा को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। अब लोग कह रहे हैं राजस्थान में मुश्किल आएगी। यात्रा हिंदुस्तान के दिल में उसकी आत्मा में जो आवाज है, उसे उठा रही है। अजीब सी बात है, इस यात्रा में जो भी चल रहा है, जितना भी चल रहा है, किसी को थकान नहीं हो रही है।’

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यात्रा का मप्र में सातवां दिन

कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा कर रहे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के पड़ाव का मध्य प्रदेश में आज सातवां दिन है। वे कुल 12 दिन प्रदेश में रहने वाले हैं। यात्रा रविवार से इंदौर में है। आज उज्जैन की और बढ़ी है। यात्रा 4 दिसंबर को आगर मालवा के रास्ते राजस्थान को प्रस्थान करेगी। 

40 मिनट में 17 सवाल 

राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस कुल 40 मिनट चली। सीधे सवालों से प्रेस कांफ्रेंस का सिलसिला आरंभ हुआ। मध्य प्रदेश के मीडिया को प्राथमिकता के साथ नेशनल मीडिया को भी प्रश्न करने का अवसर दिया गया। कुल 17 सवाल राहुल गांधी से हुए। ज्यादातर राजनीतिक सवालों के जवाब राहुल गांधी ने इस तर्क के साथ नहीं दिये कि-‘वे अपने लक्ष्य (यात्रा के अनुभवों को साझा करने) तक ही सीमित रहना चाहते हैं। 

प्रेस कांफ्रेंस का संचालन कर रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पार्टी सांसद जयराम रमेश ने कई बार राहुल गांधी को टोका, ‘जवाब संक्षिप्त में दें। किसी भी पत्रकार को प्रतिप्रश्न करने की इजाजत नहीं दी गई।’

राहुल गांधी ने मजाकिया लहजे में विरोधी दल भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जयराम जी की तरह रोक-टोक भाजपा में संभव है क्या?’

प्रेस कांफ्रेंस में मंच पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, पीसी शर्मा, शोभा ओझा और रागिनी नायक मौजूद रहे।

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