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मध्य प्रदेश: भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं प्रियंका गांधी

मध्य प्रदेश: भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं प्रियंका गांधी

भारत जोड़ो यात्रा 12 दिन में मध्य प्रदेश के 6 जिलों- बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा में घूमेगी। मध्य प्रदेश में राहुल 370 किलोमीटर पैदल चलेंगे। यात्रा 4 दिसंबर को आगर होते हुए राजस्थान में एंट्री करेगी। मध्य प्रदेश और राजस्थान में अगले साल विधानसभा के चुनाव होंगे।  

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं। यात्रा बुधवार सुबह मध्य प्रदेश पहुंची थी जहां पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ सहित कांग्रेस के तमाम विधायकों और नेताओं ने इसका जोरदार स्वागत किया था। 

पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस यात्रा में शामिल हुई थीं और उनके इस यात्रा में शामिल होने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह दिखाई दिया था। कांग्रेस कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। यह यात्रा 3570 किमी. लंबी है। 

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मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं। राहुल गांधी ने मालवा और निमाड़ के जिस मार्ग को अपनी यात्रा का मुख्य हिस्सा बनाया है उसमें कुल 66 सीटें हैं। आमतौर पर इस क्षेत्र में ज़्यादा सीटें जीतने वाला दल ही राज्य की सत्ता को हासिल करता रहा है। वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इन सीटों में से भाजपा से 3 सीटें कम पाकर भी सरकार बनाई थी। 

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कांग्रेस की नज़र मध्य प्रदेश में सत्ता का मार्ग प्रशस्त करने वाले अनुसूचित जनजाति की 47 और अनुसूचित जाति वर्ग की 35 सीटों पर भी है। ये दो गणित (मालवा-निमाड़ की 66 और एससी-एसटी की 82 सीटों में ज़्यादा सीटें पाना) सत्तारूढ़ दल भाजपा और अन्य दलों की रणनीति का भी हिस्सा होते हैं।

भारत जोड़ो यात्रा 12 दिन में मध्य प्रदेश के 6 जिलों- बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा में घूमेगी। मध्य प्रदेश में राहुल 370 किलोमीटर पैदल चलेंगे। यात्रा 4 दिसंबर को आगर होते हुए राजस्थान में एंट्री करेगी।

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लेकिन राजस्थान में गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला ने भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि सचिन पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। हालांकि सचिन पायलट ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा का पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश गया है।

भारत जोड़ो यात्रा अब तक केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र में कई जगहों का सफर तय कर चुकी है। कांग्रेस ने कहा है कि यात्रा में शामिल लोगों का उत्साह अदभुत है और सभी राज्यों के लोगों का जोरदार समर्थन इस यात्रा को मिल रहा है। 

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ऐसी और यात्राएं निकालेगी पार्टी

कांग्रेस ने एलान किया है कि वह ऐसी ही और यात्राएं निकालेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में भारत जोड़ो यात्रा निकालने के अलावा गुजरात के पोरबंदर से अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड तक एक और यात्रा निकालने की योजना पार्टी बना रही है। 

भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होकर तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, नीलांबुर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव का सफर तय कर चुकी है। अब यह यात्रा इंदौर, कोटा, दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली, अंबाला, पठानकोट से होते हुए जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर पहुंचेगी और यहीं पर यात्रा को समाप्त होना है।

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जानिए, भारत जोड़ो यात्रा के बारे में कुछ अहम बातें। 

  1. भारत जोड़ो यात्रा 3570 किमी. लंबी है और 5 महीने तक चलेगी। 
  2. भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कांग्रेस के नेता कंटेनर्स में सोते हैं। ऐसे 60 कंटेनर्स का इंतजाम किया गया है। कुछ कंटेनर्स में बिस्तर, टॉयलेट और एसी की व्यवस्था की गई है। 
  3. सुरक्षा वजहों से राहुल गांधी एक अलग कंटेनर में सोते हैं जबकि बाकी कांग्रेस नेता दूसरे कंटेनर्स में।
  4. यात्रा में शामिल कांग्रेस नेता हर दिन 6 से 7 घंटे तक पदयात्रा करते हैं और 22-23 किमी. चलते हैं।  
  5. कांग्रेस के 119 नेता भी यात्रा में शामिल हैं। इन नेताओं का चयन साक्षात्कार के बाद किया गया है। 119 यात्रियों में 28 महिलाएं हैं।

          यात्रा हर दिन आमतौर पर सुबह 7 बजे शुरू होती है और सुबह 10 बजे तक चलती है। कुछ घंटे के आराम के बाद यात्रा दिन में 3:30 बजे शुरू होती है और शाम को 7 बजे तक चलती है। इस दौरान लोगों से मुलाकात और जनसभाएं भी होती हैं। अरुणाचल प्रदेश से आने वाले आजम जोम्बला 25 साल के सबसे युवा यात्री हैं। अरुणाचल प्रदेश से ही 25 साल के बेम बाई नाम के शख्स भी यात्रा में शामिल हो रहे हैं। जबकि सबसे बुजुर्ग यात्री विजेंद्र सिंह महलावत राजस्थान के रहने वाले हैं और उनकी उम्र 58 साल है। 

          2024 का चुनाव

          कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव करो या मरो की स्थिति है। लगातार चुनावी हार और कई नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने के कारण पार्टी बुरी तरह पस्त हो चुकी है। इस यात्रा के जरिए कांग्रेस देशभर में लोगों के बीच पहुंचने की कोशिश कर रही है और 5 महीने बाद जब यह यात्रा पूरी होगी तो देखना होगा कि अगले आम चुनाव से पहले क्या वह कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार कर पाई है। 

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