भारत जोड़ो यात्रा: खड़गे का 21 विपक्षी दलों को निमंत्रण
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष के 21 राजनीतिक दलों को पत्र लिखकर उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के समापन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। भारत जोड़ो यात्रा का समापन 30 जनवरी को श्रीनगर में होगा। खड़गे ने पत्र में कहा है कि इन दलों के उपस्थित होने से यात्रा के द्वारा दिया जा रहा सच्चाई, सौहार्द्र और अहिंसा का संदेश और मजबूत होगा।
बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली से होते हुए इन दिनों पंजाब में है। भारत जोड़ो यात्रा कुल 3570 किमी. की है। पंजाब के बाद इस यात्रा को जम्मू से होते हुए कश्मीर तक पहुंचना है।
यात्रा के कश्मीर पहुंचने पर विपक्षी दल पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ दिखाई देंगे। जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती इसमें शामिल होंगे। शिवसेना का उद्धव गुट भी जम्मू-कश्मीर में इस यात्रा में शामिल होगा।
केजरीवाल, केसीआर, आज़ाद से बनाई दूरी
खड़गे ने दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी, तेलंगाना में सरकार चला रही भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद को निमंत्रण नहीं दिया है।
जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, उद्धव बाला साहेब ठाकरे शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता एन. चंद्रबाबू नायडू, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती, झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वाम दलों के नेताओं सीताराम येचुरी और डी. राजा को यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है।
विपक्ष को जोड़ने की कोशिश
भारत जोड़ो यात्रा जब महाराष्ट्र में थी तो इसमें शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे के साथ ही एनसीपी नेता सुप्रिया सुले शामिल हुई थीं। यह यात्रा जब हरियाणा के फरीदाबाद में थी तो इसमें डीएमके की सांसद कनिमोझी भी शामिल हुई थीं। भारत जोड़ो यात्रा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) का साथ मिला था।
कांग्रेस की ओर से भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी को भी पत्र लिखा गया था। लेकिन इनके मुखिया क्रमशः अखिलेश यादव और मायावती इस यात्रा में शामिल नहीं हुए। हालांकि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने यात्रा को अपनी शुभकामनाएं दी थी। इस तरह कांग्रेस ने विपक्षी दलों व सामाजिक संगठनों को भी इस यात्रा से जोड़ने की कोशिश की है।
‘बीजेपी के खिलाफ अंडर करंट’
राहुल ने कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है और वह इस यात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों का धन्यवाद करना चाहते हैं। राहुल ने कहा था कि अगर विपक्षी दल एकजुट हुए तो बीजेपी के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव जीतना बेहद मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ अंडर करंट है और विपक्ष को एक विजन के साथ सामने आना होगा।
अब जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचा है, ऐसे में कांग्रेस इस यात्रा के जरिए खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। निश्चित रूप से यह बड़ा सवाल है कि भारत जोड़ो यात्रा में जिस तरह कांग्रेस नेताओं, समर्थकों और आम लोगों की भीड़ दिखाई दी है क्या वह वोटों में भी तब्दील होगी। कांग्रेस 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव बुरी तरह हार चुकी है और वर्तमान में उसकी सिर्फ तीन राज्यों में अपने दम पर सरकार है।
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान
साल 2023 में देश में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं और उसके बाद लोकसभा चुनाव भी सामने हैं। ऐसे में कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के बाद हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाने का भी ऐलान किया है लेकिन सवाल यह है कि क्या पार्टी को इसका चुनावी फायदा मिलेगा।
चुनावी साल है 2023
साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले साल 2023 बेहद अहम है। साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन राज्यों में कर्नाटक, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना शामिल हैं।
राहुल गांधी ने बीते कुछ सालों में सॉफ्ट हिंदुत्व पर आगे बढ़कर बीजेपी और आरएसएस को घेरने की कोशिश की है। राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सभाओं और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि बीजेपी और आरएसएस देश में नफरत फैला रहे हैं और उनकी यात्रा का मकसद इस नफरत को खत्म करना है।
राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई जगहों पर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों में गए हैं और इससे जुड़ी उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं।
याद दिलाना होगा कि अयोध्या में स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भारत जोड़ो यात्रा को शुभकामनाएं दी थी।