वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट दोनों के ख़िलाफ़ 90 फ़ीसदी प्रभावी है। इसने बुधवार को कहा है कि ट्रायल में यह पता चला है कि बूस्टर खुराक दोनों वैरिएंट के संक्रमण को रोकता है।
भारत बायोटेक ने कहा है कि परीक्षण के परिणामों से पता चलता है कि 100 प्रतिशत सीरम नमूनों ने डेल्टा वैरिएंट को बेअसर कर दिया और 90% से अधिक सीरम नमूनों ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को बेअसर कर दिया।
एक बयान में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने एमोरी विश्वविद्यालय में किए गए एक अध्ययन के परिणामों का ज़िक्र किया है। इसमें बताया गया है कि कोवैक्सीन की दो-खुराक के छह महीने बाद कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक दी गई। इसने दोनों वैरिएंट को बेअसर कर दिया।
भारत बायोटेक ने पहले कहा था कि एक विश्लेषण से पता चला है कि वैक्सीन की तीसरी खुराक सुरक्षित थी और इससे वायरस के ख़िलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ी।
इससे पहले के अध्ययनों में कहा गया था कि यह वैक्सीन अल्फा, बीटा, डेल्टा, जेटा और कप्पा वैरिएंट के ख़िलाफ़ कारगर है।
नवंबर महीने में ही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिली है। डब्ल्यूएचओ से इसे मंजूरी मिलने के बाद दुनिया भर के कई देशों में इस वैक्सीन को मान्यता मिली। इस कारण लाखों भारतीयों- छात्र, कामकाजी पेशेवर और अन्य लोगों- को विदेश की यात्रा में सहूलियत भी हो रही है।
पिछले महीने यानी दिसंबर महीने में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 12 साल से ज़्यादा उम्र वालों के लिए आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने इसको हरी झंडी दी। हालाँकि भारत में फ़िलहाल 15-18 साल के बच्चों को ही वैक्सीन लगाई जा रही है।
बहरहाल, देश में बुधवार को 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1,94,720 नए मामले सामने आए हैं। ये मामले बीते दिन के मामलों से 15.8 फ़ीसदी ज़्यादा हैं। मंगलवार को कोरोना के 1,68,063 मामले सामने आए थे। बुधवार को पॉजिटिविटी दर 11.05 फ़ीसदी हो गई जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 9.82 फ़ीसदी है।
ओमिक्रॉन के मामलों का आंकड़ा बढ़कर 4,868 हो गया है। इनमें अब तक महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा 1,281 मामले हैं जबकि राजस्थान 645 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है।