कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) और कई अन्य संगठनों के आह्वान पर शुक्रवार को व्यापारी हड़ताल पर रहे। बंगाल, उड़ीसा में इसका ख़ासा असर दिखाई दिया। व्यापारियों की मांग है कि जीएसटी के नियमों में संशोधन किया जाए, भारत सरकार द्वारा लाए गए ई वे बिल की व्यवस्था को ख़त्म किया जाए। व्यापारियों ने पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों को कम करने की भी मांग की है।
इस दौरान 40 हज़ार व्यापारिक संगठनों से जुड़े 8 करोड़ से ज़्यादा व्यापारी हड़ताल पर रहे और उन्होंने अपनी दुकानों को बंद रखा।
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन और किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भी भारत बंद को समर्थन दिया गया। बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं से जुड़ी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा।
किसानों का आंदोलन जारी
दूसरी ओर, किसान भी दिल्ली के बॉर्डर्स पर डटे हुए हैं। किसानों ने कुछ दिन पहले ‘रेल रोको’ आंदोलन किया था और इसका पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में असर दिखा था। किसानों ने कहा था कि कृषि क़ानूनों के ख़त्म होने तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
आंदोलन के साथ ही किसान देश भर में महापंचायत कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में बड़े पैमाने पर महापंचायतें हो रही हैं।
युवा मांग रहे रोज़गार
किसान आंदोलन और पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों में लगी आग से जूझ रही मोदी सरकार को व्यापारियों के साथ ही देश के युवाओं ने भी घेर लिया है। बीते कुछ दिनों से रोज़गार, परीक्षाओं के रिजल्ट न आने के मसले पर युवाओं ने ट्विटर पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया हुआ है। ट्विटर पर #मोदी_रोज़गार_दो, #modi_rojgar_do, #मोदी_मतलब_देश_चौपट और #cgl19marks हैशटैग पर लाखों ट्वीट हो रहे हैं। धुआंधार ट्वीट्स के चलते #modi_rojgar_do काफी घंटों तक 1 नंबर पर ट्रेंड करता रहा।