उत्तर प्रदेश के बलिया में पुलिस की मौजूदगी में गोली मार कर हत्या करने का अभियुक्त धीरेंद्र सिंह गिरफ़्तार कर लिया गया है।
एनडीटीवी के अनुसार, धीरेंद्र सिंह ने बलिया के स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण की अर्जी दी थी। इसके तहत कोई भी अभियुक्त सीधे अदालत में याचिका देकर आत्मसमर्पण कर सकता है, उसके बाद अदालत तय करती है कि उसे पुलिस के हवाले करे या न्यायिक हिरासत में भेजे।
अभियुक्त की गिरफ़्तारी पर मृतक के परिवार वालों ने राहत जताई है।
पुलिस पर दबाव
याद दिला दें कि धीरेंद्र सिंह ने बलिया में पुलिस-प्रशासन के तमाम आला अफ़सरों के सामने कई राउंड फ़ायरिंग कर एक शख़्स को मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन वह अब तक पुलिस की गिरफ़्त से बाहर था। इसे लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की बहुत ही आलोचना हो रही थी। कई लोग कह रहे थे कि पुलिस जानबूझ कर अभिुयुक्त को गिरफ़्तार नहीं कर रही है।पुलिस का कहना था कि धीरेंद्र सिंह को पकड़ने के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं, उस पर 25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। लेकिन जब अभियुक्त ने वीडियो जारी किया तो पुलिस पर दबाव बढ़ा कि पुलिस के बीच से आख़िर वह चला कहां गया और अब वह खुलकर वीडियो कैसे जारी कर रहा है।
बीजेपी नेता धीरेंद्र ने आगे कहा था, “मुझे कुछ पुलिसकर्मियों ने घेर लिया। मैं 18 साल तक सेना में सेवा करके आया हूं। शासन-प्रशासन ने मेरे घर पर लाठीचार्ज करवा दिया, सामान तोड़ दिया।”
लोग सवाल उठा रहे थे कि पुलिस ने बलिया और उसके आस-पास के जिलों के बॉर्डर को सील किया या नहीं। अगर किया होता तो उसे पकड़ने में 24 घंटे से ज़्यादा का वक्त नहीं लगना चाहिए था। क्योंकि ऐसे हालात में कोई उसे अपने घर पर पनाह नहीं देगा। लेकिन जब इस घटना को 48 घंटे से ज़्यादा का वक्त हो गया और वह फरार ही रहा, तो लोगों ने कहना शुरू किया कि इसका मतलब पुलिस धीरेंद्र सिंह के ख़िलाफ़ सख़्त नहीं है।