यूपी: पेपर लीक उजागर करने वाले पत्रकार की गिरफ़्तारी क्यों?
यूपी बोर्ड की 12वीं कक्षा के अंग्रेजी के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में यूपी सरकार की किरकिरी हो ही रही थी कि बलिया में पेपर लीक होने के मामले पर ख़बर छापने के मामले में प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यूपी पुलिस ने बलिया से अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह और अजीत कुमार ओझा को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ़्तारी को लेकर आरोप लग रहा है कि पेपर लीक कांड में अपराधियों की बजाय ब्हिसलब्लोअर्स यानी पत्रकारों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है।
गिरफ़्तारी को लेकर पत्रकार के तेवर को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा है कि 'जेल जाने से पहले किसी पत्रकार की कभी इतनी रीढ़ और हिम्मत देखी है?'
अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह ने बलिया ज़िला प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) March 31, 2022
मुख्यमंत्री @myogiadityanath से आग्रह है कि पत्रकारों का उत्पीड़न करने वाले बलिया पुलिस प्रशासन के खिलाफ निष्पक्ष जाँच करवाई जाए। 2/2 pic.twitter.com/CDzMavYZqf
उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा है कि 'ये अमर उजाला के बलिया के पत्रकार दिग्विजय सिंह हैं। इनका गुनाह ये है कि इन्होंने पेपर लीक ख़बर का खुलासा अपने अख़बार में किया था। पुलिस इनके दो और साथी अजीत ओझा, मनोज गुप्ता को भी जेल भेज चुकी है।'
यह मामला यूपी बोर्ड की 12वीं कक्षा का अंग्रेजी का प्रश्न पत्र लीक होने से जुड़ा है जिसमें कार्रवाई की गई है। पेपर लीक होने की वजह से 24 ज़िलों में अंग्रेजी का पेपर रद्द कर दिया गया। यह परीक्षा 30 मार्च को होनी थी। 24 ज़िलों- बलिया, एटा, बागपत, बदायूं, सीतापुर, कानपुर देहात, ललितपुर, चित्रकोट, प्रतापगढ़, गोंडा, आजमगढ़, आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, शामली, शाहजहांपुर, उन्नाव, जालौन, महोबा, आंबेडकर नगर और गोरखपुर के लिए अंग्रेजी के पेपर की इंटरमीडिएट परीक्षा रद्द कर दी गई।
एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में अब तक दो पत्रकारों समेत कुल 22 आरोपियों पर कार्रवाई की गयी है।
इन पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। बलिया कोतवाली में पत्रकारों ने इस कार्रवाई के ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन भी किया और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया। इस मामले में अजीत ओझा का बयान भी ट्विटर पर साझा किया गया है।
बलिया में अमर उजाला के पत्रकार अजित ओझा को थाने पर तीन घंटे तक इसलिए बैठाकर रोका गया कि उन्होंने पेपर लीक होने वाली खबर छाप दी। अजित बता रहे हैं कि हाईस्कूल का भी पेपर लीक हुआ, प्रशासन को बताया भी लेकिन उसी लीक पेपर पर परीक्षा ले ली गई। pic.twitter.com/Jlm0UawV7H https://t.co/TA0uKqG9X5
— Narsingh Shukla INC 🇮🇳 #RahulTheNextPM ✋ (@_narsinghshukla) March 31, 2022
जेल भेजे जाने से पहले पत्रकार दिग्विजय सिंह ने तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले को उजागर कर अपना काम किया है और प्रशासन उल्टे उनको प्रताड़ित कर रहा है। उनके तेवर की सोशल मीडिया पर तारीफ़ हुई। एक पत्रकार सौरभ शुक्ला ने लिखा, 'सर मंगल पांडे की जन्मभूमि है .. ऐसे ही नहीं इसे बाग़ी बलिया कहा जाता है।'
सर मंगल पांडे की जन्मभूमि है .. ऐसे ही नहीं इसे बाग़ी बलिया कहा जाता है https://t.co/7thIPBuujQ
— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) April 1, 2022
Stand with Digvijay Singh, Ajit Ojha, Manoj Gupta#JournalismIsNotACrime https://t.co/2V4xNtH2Je
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) March 31, 2022
इस वीडियो में पत्रकार दिग्विज सिंह ने प्रशासन पर कई आरोप लगाए और कहा कि प्रशासन नकल गिरोह के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं कर उनको गिरफ़्तार कर रहा है।
जेल जाने से पहले दिग्विजय सिंह ने कहा कि किस तरह से उन्हें सूत्रों से ख़बर मिली कि संस्कृत विद्यालय का पेपर आउट हो चुका है और उन्होंने पेपर की कॉपी अपने अख़बार में प्रकाशित की। उन्होंने कहा कि इसके बाद अंग्रेजी विषय का पर्चा मिला और इसे भी अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। उन्होंने कहा कि 'ख़बर छपने के बाद प्रशासन अब शिक्षा माफियाओं को पकड़ने की बजाए उनसे ही पूछ रही है कि पेपर कहाँ से आउट हुए।'
इस वीडियो पर एक प्रतिक्रिया में बलिया पुलिस ने कहा है कि 'उपरोक्त व्यक्ति (दिग्विजय सिंह) को अब तक की विवेचना में प्राप्त सबूतों के आधार पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, इनके एक साथी जिनका नाम ये ले रहे हैं वह एक विद्यालय में सहायक अध्यापक है और वर्तमान माध्यमिक परीक्षा में एक परीक्षा में कक्ष निरीक्षक का कार्य किये हैं।'